भारत के लोगों तथा कारोबारियों ने उन देशो को सबक सिखाना शुरू कर दिया है, जो भारत से कारोबार करते हैं और जिनके व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकाने भारत में स्थित है. इनमें से चीन तुर्की और अजरबैजान भी शामिल हैं. भारत-पाकिस्तान लड़ाई के बीच इन देशों ने पाकिस्तान की मदद की है.
इन देशों के होटल, रेस्टोरेंट, टूर ऑपरेटर इत्यादि विविध कारोबार भारत में होते हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि इन देशों के कारोबार को भारी नुकसान होगा. इसका ट्रेलर अभी से ही मिलना शुरू हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार भारत के व्यापारियों ने तुर्की के खिलाफ ट्रेड स्ट्राइक शुरू कर दिया है. आज पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब खरीदना बंद कर दिया और उन्होंने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ईरान आदि के उत्पादों पर अधिक भरोसा जताया है.
उदयपुर के मार्बल कारोबारी भी तुर्की से अब कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते हैं. उन्होंने तुर्की के मार्बल का उपयोग करना बंद कर दिया है. उन्होंने अज़रबैजान से भी दूरी बना ली है. भारत की जनता को इन देशों से ऐसी नफरत हो गई है कि भारत में उनके उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया गया है. भारत में ऑपरेशन सिंदुर के दौरान इन देशों का असली चेहरा पूरी दुनिया के सामने आ गया है. पाकिस्तान ने भारत से लड़ाई के दौरान भारत पर जो ड्रोन और मिसाइल दागे, वे चीन और तुर्की के ही थे. यह दोनों देश भारत की व्यापारिक हिट लिस्ट में शामिल हो गए हैं.
इस समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तुर्की के पर्यटन विभाग का एक लेटर वायरल हो रहा है. अंकारा ने भारतीय पर्यटकों की ओर से तुर्की के बहिष्कार का जिक्र किया है. आपको बता दें कि हर साल तुर्की में लगभग 62.2 मिलियन पर्यटक आते हैं. उनमें से लगभग 3 लाख भारतीय पर्यटक होते हैं. भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से तुर्की को लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
कंफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स व्यापारियों का शीर्ष संगठन है. इस संगठन ने देश भर के व्यापारियों तथा कारोबारियों से आह्वान किया है कि वह चीन, तुर्किए तथा अज़रबैजान से कोई भी कारोबार ना करें. क्योंकि इन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का खुला समर्थन किया था. कैट के द्वारा पहले से ही चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी रखा जा रहा है. इससे चीन के कारोबार पर भारी असर पड़ा है. कैट के द्वारा ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स संगठन से भी संपर्क किया जा रहा है. हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला 16 मई को कैट द्वारा नयी दिल्ली में बुलाई जा रही व्यापारिक नेताओं की बैठक में लिया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से अज़रबैजान को लगभग 308.6 मिलियन डॉलर का सीधा नुकसान होने वाला है. अज़रबैजान में पर्यटन के अलावा मनोरंजन, विवाह और साहसिक गतिविधियों भी होती हैं. अब इन क्षेत्रों में आर्थिक मंदी के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. भारत-पाकिस्तान के युद्ध तो टल गए हैं लेकिन जिन लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को आयुध के मामले में साथ दिया है, भारत अब उनसे व्यापारिक प्रतिशोध लेने के लिए तैयार है. अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही तुर्की और अजरबैजान की दुकान बंद होने जा रही है.
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