सिलीगुड़ी में अनेक होटल एवं रेस्टोरेंट हैं, जहां लोग खाना खाने जाते हैं. अगर घर में खाना पकाने की इच्छा नहीं हो तो होटल से खाना मंगा लिया जाता है. आमतौर पर लोग यही समझते हैं कि होटल का खाना स्वादिष्ट एवं हेल्दी होता है. लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, इसकी पोल खोल रहा है फूड सेफ्टी विभाग जो इन दिनों सिलीगुड़ी के विभिन्न होटलों व रेस्टोरेंट में अभियान चला रहा है.
फूड सेफ्टी अधिकारियों की जांच में होटल अथवा रेस्टोरेंट के खाने से संबंधित जो बात सामने आई है, उसे जान लेने के बाद बहुत से लोग होटल/रेस्टोरेंट में खाना खाना बंद कर देंगे. फूड सेफ्टी विभाग के सूत्रों ने बताया कि सस्ते होटल से लेकर महंगे होटल तक में खाद्य गुणवत्ता का अभाव तो है ही, इसके अलावा खाद्य सामग्री के रखरखाव में भी काफी लापरवाही पाई गयी है. सस्ते होटल में खाद्य सामग्री के ऊपर मच्छर और मक्खियों का भिनभिनाना आम बात है. कुछ होटल में खाद्य सामग्रियों को खुले में रखा जाता है.
अधिकारियों ने अब तक की अपनी जांच में पाया है कि सिलीगुड़ी के बहुत से होटलों में बासी खाना को गर्म करके परोसा जाता है. उन्होंने फूड कलर में भी केमिकल पाया है. कई मिठाई तथा अन्य स्नेक्स आदि वस्तुएं एक्सपायरी होती हैं फिर भी उन्हें ग्राहकों को बेच दिया जाता है. खासकर बिरयानी दुकान और मिठाई की दुकानों में बासी और एक्सपायरी सामग्री का मिलना कोई अचंभे की बात नहीं है. आइसक्रीम भी बासी पायी गयी है, जिन्हें बेचा जा रहा है. खाने में जो रंग मिलाया जाता है, वह स्वास्थ्य की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है.
इसके अलावा कुछ होटलों और रेस्टोरेंट में भोजन तैयार करके उन्हें शौचालय के अंदर भी रख दिया जाता है. इस खबर के बाद तो पूरे सिलीगुड़ी में लोग हैरान रह गए हैं. आपको बता दें कि लगभग 1 महीने पहले चंपासारी बाजार में एक बिरयानी की दुकान से खरीदे गए मांस में कीड़ा मिला था. इसके बाद पूरे शहर में हंगामा मच गया. इस घटना के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आया था. शहर वासियों की शिकायत के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने फूड सेफ्टी, विजिलेंस, दमकल विभाग, पुलिस और सेनेटरी इंस्पेक्टर की एक संयुक्त कमेटी का गठन किया था. तब से यह टीम लगातार शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थित होटल और रेस्टोरेंट में खाने की गुणवत्ता तथा साफ सफाई के साथ नियम का पालन करवाने के लिए अभियान चला रही है.
जिस शहर में बिना लाइसेंस के अनेकों होटल और रेस्टोरेंट चल रहे हों, वहां इस तरह की लापरवाही और खाद्य गुणवत्ता से समझौता कोई बड़ी बात नहीं है. सवाल यह है कि फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों द्वारा दोषी होटल एवं रेस्टोरेंट को चेतावनी देकर छोड़ देना और कार्रवाई के नाम पर होटल तथा दुकानों से खाद्य सामग्री जब्त कर लेने से क्या स्थिति बदल जाएगी? यह स्थिति तो तभी बदलेगी जब अधिकारी दोषी दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और नियमों का पालन करने के लिए लगातार अभियान चलाएं. केवल बातें करने से नहीं होगा.
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी एनफोर्समेंट फारूक मोहम्मद चौधरी ने हालांकि यह भरोसा दिया है कि अगर दुकानदार नहीं चेते तो अगली बार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा है कि बिना लाइसेंस का ना तो होटल और ना ही रेस्टोरेंट को चलाने की इजाजत दी जाएगी. जो लोग ऐसा करेंगे उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एसीपी रॉबिन थापा भी कहते हैं कि किसी भी कीमत पर खाद्य गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.
अगर चाहते हैं कि आपके शहर में चल रहे होटल और रेस्टोरेंट में साफ सफाई, स्वच्छ व हेल्दी खाना मिले तो शहर के लोगों को भी एक्टिव होना पड़ेगा. वर्तमान में फूड सेफ्टी विभाग का अभियान चल रहा है. शहर के लोगों को उनके अभियान में सहयोग करना चाहिए. अगर आपकी जानकारी में कोई होटल संदिग्ध हो तो इसकी सूचना जरूर पुलिस को दें. यही बात एसीपी रॉबिन थापा भी कहते हैं कि बिगर शहर के लोगों के सहयोग के सिलीगुड़ी के होटल/ रेस्टोरेंट की हालत नहीं बदलेगी. अब समय आ गया है कि अधिकारी लापरवाही बरतने वाले और बासी, सड़ा गला खाना परोसने वाले होटल मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें.
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