आजकल सिलीगुड़ी और देश प्रदेश के सभी भागों में मौसम में आए बदलाव ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है. आमतौर पर इस मौसम में सर्दी खांसी बुखार होना स्वाभाविक है. कभी चिलचिलाती धूप में बाहर से आकर फ्रिज का पानी पीने से तो कभी बारिश में भीग जाने से फ्लू की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. घर में अगर किसी एक सदस्य को फ्लू होने पर बाकी सदस्यों को भी इसकी चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
लेकिन जब आपको इस तरह के लक्षणों से दो-चार होना पड़ता है तो एक बार आप यह सोचकर डर जाते हैं कि कहीं आप कोरोना से ग्रसित तो नहीं है. यह सवाल आपके मन में जरूर उठता होगा. यह इसलिए कि विशेषज्ञों ने कोरोना के जो लक्षण बताएं हैं, वह फ्लू से मिलते जुलते हैं. यानी कोरोना से संक्रमित होने पर सर्दी खांसी बुखार, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि का होना स्वाभाविक है. यह फ्लू का भी लक्षण है.
बदलते मौसम में लोग ऐसी शिकायते कर रहे हैं. सिलीगुड़ी और बस्ती क्षेत्रों में इन दिनों लोगों को खांसी और बुखार की समस्या अधिक है. पेरासिटामोल की दवाइयां लेने से भी बुखार जल्दी ठीक नहीं होता है और खांसी तो कई दिनों तक रहती ही है. कोरोना में भी खांसी कई दिनों तक रहती है. जुकाम और सर्दी की भी शिकायत रहती है.
इस तरह से फ्लू और कोरोना के लक्षणों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है. विदेश में तो फ्लू को ही कोरोना मान लिया गया है. वर्तमान में हमारे देश में कोरोना का संक्रमण बढा है. देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना के एक्टिव मामले आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन किया था और कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग और सभी विभागों को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था.
जहां ऐसी परिस्थिति हो, वहां किसी को भी फ्लू हो जाने पर उसे लगता है कि उसे कोरोना हो गया है. कोरोना का संक्रमण परिवार के सभी सदस्यों को संक्रमित कर सकता है. इसी तरह से वर्तमान में घर में किसी को सर्दी खांसी बुखार हो जाता है, तो बाकी सदस्य भी कमोबेश इससे पीड़ित हो जाते हैं. यही कारण है कि सिलीगुड़ी के बहुत से लोग ऐसे लक्षणों के साथ जी रहे हैं. लेकिन वह किसी सरकारी अस्पताल या मेडिकल में इलाज के लिए नहीं जाते.
क्योंकि ऐसे लक्षणों के साथ अगर आप उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल अथवा सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में जाते हैं तो सबसे पहले आपका कोरोना टेस्ट लिया जाता है. रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर आपको कोरोना से संक्रमित मान लिया जाता है और आपको आइसोलेशन की सलाह दी जाती है. जो लोग इन लक्षणों के भुक्तभोगी है, उनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. पर इसका पता तो तभी चलेगा, जब आपका कोरोना टेस्ट होगा.
गनीमत कहिए कि कोरोना का मौजूदा स्वरूप ज्यादा खतरनाक नहीं है और यह घर पर ही इलाज करने से ठीक हो जाता है. स्वास्थ्य विभाग भी यही मान रहा है. इसलिए डरने अथवा किसी तरह का वहम पालने की जरूरत नहीं है. अगर आपको फ्लू की शिकायत हो तो आप अपना बचाव फ्लू की तरह ही करें. ना कि उसे कोरोना मान ले. चेहरे पर मास्क लगाए और खुद को परिवार के सदस्यों से अलग रखें. साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें. दो-चार दिनों में खुद ही ठीक हो सकते हैं. दवाई की भी आवश्यकता नहीं होगी.
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