July 4, 2025
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल उत्तर बंगाल दार्जिलिंग सिलीगुड़ी

क्या दार्जिलिंग के यातायात को ठप्प करने की चल रही तैयारी?

ऐसा लगता है कि दार्जिलिंग और ट्रैफिक जाम एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द बन गए हैं. दार्जिलिंग में ट्रैफिक जाम कोई आज की समस्या नहीं है. लेकिन बदलते समय के अनुसार यह समस्या कुछ ज्यादा ही पहाड़ में देखी जा रही है. इन दिनों पहाड़ में बारिश और भूस्खलन भी हो रहा है.इसके साथ ही ट्रैफिक जाम की स्थिति ऐसी है कि सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग जाने वाला व्यक्ति उस दिन सिलीगुड़ी लौट कर नहीं आ सकता है.

कुछ समय पहले दार्जिलिंग के ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए जीटीए प्रशासन ने पहल की थी और अस्थाई रूप से व्यवस्थाएं भी की गई. लेकिन उसका कोई लाभ होता नजर नहीं आ रहा है. बारिश के समय तो यूं ही जाम लग जाता है.पहले से ही जाम जैसी भीषण समस्या को झेल रहा दार्जिलिंग बरसात के दिनों में तो जैसे ठप्प ही पड़ गया है. घंटों गाड़ियां खड़ी रहती हैं. गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं. वाहन चालक और वाहनो में बैठे यात्री काफी परेशान हो जाते हैं और प्रशासन पर अपना गुस्सा उतारने लग जाते हैं.

दार्जिलिंग में ट्रैफिक जाम की स्थिति में सुधार के लिए स्थानीय संगठनों की ओर से भी पूर्व में प्रयास किए गए थे. जानकार मानते हैं कि दार्जिलिंग की भौगोलिक रूपरेखा ऐसी है कि यहां वाहन पार्क करते समय या वाहन चलाते समय थोड़ी सी लापरवाही हुई नहीं कि जाम लगना शुरू हो जाता है. कई बार ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सड़कों पर आडे तिरछे वाहन खड़ा करने वाले टैक्सी चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई.लेकिन कुछ दिनों के बाद सब कुछ पहले जैसा ही हो जाता है.

जब पानी सर से ऊपर चढ़ने लगा, तब विभिन्न चालक संगठनों के नेताओं ने स्थानीय प्रशासन पर अपना गुस्सा उतारते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर 4 जुलाई तक दार्जिलिंग में ट्रैफिक समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जाती तो सभी चालक संगठनों के लोग हड़ताल पर मजबूर होंगे या फिर इससे भी ज्यादा खतरनाक कदम उठाए जाएंगे. चालक संगठनों के नेता हिमालयन ट्रांसपोर्ट कोऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले एकत्र हुए हैं.

पिछले दिनों आयोजित एक विशेष बैठक में विभिन्न चालक संगठनों के लोग उपस्थित थे. उनमें सिलीगुड़ी दार्जिलिंग टैक्सी ड्राइवर संगठन तथा विभिन्न चालक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे. हिमालयन ट्रांसपोर्ट कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष हैं पासंग शेरपा. उन्होंने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि दिनों दिन दार्जिलिंग में ट्रैफिक का बुरा हाल हो रहा है. इससे पर्यटकों के साथ-साथ चालक और आम लोग भी परेशान और चिंतित हैं.

इससे पहले भी विभिन्न चालक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग जीटीए प्रशासन, नगर निकाय, स्थानीय प्रतिनिधि, सांसद विधायक आदि को पत्र लिखा और इसकी तरफ ध्यान दिलाया. पासांग शेरपा ने बताया कि चालक संगठनों की ओर से जीटीए प्रशासन, नगर निकाय, सांसद और विधायकों को कई बार पत्र लिखा गया और मात्र आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. ऐसे में वे हड़ताल जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हैं.

बैठक में चालक संगठनों के लोगों ने स्थानीय प्रशासन को 4 जुलाई तक अंतिम अल्टीमेटम दिया है. अगर इस समय सीमा तक ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई तो सभी चालक संगठनों को हड़ताल और सामूहिक विश्राम जैसे कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा. इसी बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है. अब देखना होगा कि चालक संगठनों की धमकी और गुस्से का जीटीए प्रशासन पर क्या असर पड़ता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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