आज फुलबाड़ी से सालूगाड़ा तक चलने वाली सिटी ऑटो गाड़ियां सालूगाड़ा तक नहीं चली. सिटी ऑटो के चालक चेक पोस्ट भी नहीं गए और अपनी गाड़ियों को सेवक रोड स्थित मित्तल बस स्टैंड पर ही खड़ा कर दिया. उन्होंने पी सी मित्तल बस स्टैंड पर ही चेक पोस्ट की सवारियां उतार दी और अपनी गाड़ियों को सड़क पर ही लगा दिया. दोपहर तक पी सी मित्तल बस स्टैंड के आसपास सेवक रोड पर गाड़ियों की एक लंबी कतार लगी थी. सिटी ऑटो के चालक प्रशासन पर उत्तेजित थे. आज उनका गुस्सा फट पड़ा.
दरअसल यह पूरा माजरा सेवक रोड पर सभी तरह के टोटो को चलने देने को लेकर था. बड़ी गाड़ियों के चालकों का कहना था कि जब सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन ने टोटो को चिन्हित करके उनका रूट निर्धारण किया है, इसके बावजूद अलग-अलग रूट के टोटो सेवक रोड पर चल रहे हैं. जिसके कारण उन्हें यात्री नहीं मिल रहे हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है. चालकों की शिकायत थी कि प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है और टोटो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
एक वाहन चालक ने सवाल किया कि प्रशासन ने जब टोटो को अलग-अलग मार्ग पर चलने के लिए रजिस्ट्रेशन किया तो टोटो वाले उसका पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? सभी रूटों के टोटो सेवक रोड पर चल रहे हैं. इससे उन्हें सवारी नहीं मिल रही है. चालक ने बताया कि उन्हें अपनी गाड़ी की किस्त भी देनी होती है. इसके अलावा गाड़ी मालिक का किराया निर्धारित होता है. जबकि स्थिति यह है कि उन्हें सवारी ही नहीं मिल रही है.
उनकी सवारियां टोटो वाले उठा रहे हैं. एक अन्य वाहन चालक ने बताया कि टोटो वाले चेक पोस्ट के आगे सालूगाड़ा, पार्क और दूर-दूर तक चले जाते हैं. जबकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं होती है. इसके बावजूद प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसी टोटो को सेवक रोड पर चलने तथा चेक पोस्ट जाने का परमिट मिला है तो उन्हें कोई एतराज नहीं है. लेकिन बिना परमिट के ही टोटो वाले नियमों का पालन नहीं करते हुए मनमाना परिचालन करें तो दुख होता है. आखिर प्रशासन बेबस क्यों है?
सिटी ऑटो जैसे बड़े वाहनों की शिकायत अपनी जगह सही है. अधिकतर सिटी ऑटो के चालक भाड़े पर गाड़ी चलाते हैं. उन्हें गाड़ी मालिक का निर्धारित किराया देना होता है. इसके अलावा तेल खर्च, किस्त अलग से. सब मिलाकर उनके पास इतना भी नहीं बचता कि वे अपने घर परिवार को ठीक तरह से चला सके. सेवक रोड पर हर समय टोटो वालों की भीड़ देखी जाती है. जो राह चलते सवारी को अपने टोटो में बैठाने के लिए कहीं भी गाड़ियां रोक देते हैं. इससे कभी-कभी सवारियों को चोट लगने या दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
इस बात को लेकर पहले भी वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया था. लेकिन प्रशासन ने कुछ दिन कार्रवाई करने के बाद इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने सिलीगुड़ी के नागरिकों और ड्राइवर संगठन को आश्वासन दिया था कि सभी टोटो को रूट परमिट दिया जाएगा. जो टोटो जिस रूट का होगा,उसी रूट पर चलेगा. ऐसा हुआ भी. कुछ दिनों तक ट्रैफिक पुलिस ने टोटो वालों को नियमों का पालन करने के लिए सख्ती भी दिखाई. लेकिन बाद में सब कुछ ठंडा पड़ गया.
आज हालात यह है कि टोटो चालकों पर प्रशासन की सख्ती का कोई असर नहीं दिख रहा है.टोटो चालक अपने दायरे का उल्लंघन करके कहीं की भी सवारियां बिठा लेते हैं. जिससे सिटी ऑटो और मझौले वाहन चालको को सवारियां नहीं मिलती.इसलिए उनका गुस्सा होना स्वाभाविक है. जिस तरह से सेवक रोड पर टोटो की भरमार देखी जा रही है, ऐसे में प्रशासन को एक बार फिर से अपने अभियान को चलाने की जरूरत है, ताकि यह निश्चित हो सके कि सेवक रोड पर अवांछित टोटो नहीं चल सके. इससे भीड़ कम होगी. साथ ही सिटी ऑटो चालकों की शिकायत भी दूर होगी.