July 13, 2025
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल

अब ओला-उबर वालों की बड़ी टेंशन! और हम यात्रियों के लिए राहत की खबर!

जल्द ही पूरे देश में एक नया नियम लागू होने जा रहा है अब 8 साल से पुरानी गाड़ियां ओला-उबर में नहीं चलेंगी, यानि चाहे गाड़ी कितनी भी तगड़ी हालत में हो, 8 साल पूरे होते ही कह दिया जाएगा- ‘बॉस, अब रिटायरमेंट ले लो |बता दे कि,.सरकार ने साफ कर दिया है ,अब ओला-उबर जैसी राइड-हेलिंग ऐप्स पर चलने वाली टैक्सियां सिर्फ 8 साल तक ही चल सकेंगी।मतलब, जिस दिन टैक्सी का रजिस्ट्रेशन हुआ, उसके बाद 8 साल पूरे होने पर भले ही गाड़ी एकदम चमकती-दमकती हो, लेकिन वो कॉमर्शियल काम यानी ओला-उबर में नहीं चलेगी। सीधा सा मतलब है, 8 साल बाद रिटायरमेंट पक्का |

अब सोचिए, फायदा क्या है?सबसे पहले नई और सेफ टैक्सी:

पुरानी टैक्सियों में कई बार ना तो एयरबैग होते हैं, ना ABS, ना ही बढ़िया AC. अब ये दिक्कत खत्म होगी।आपको मिलने लगेंगी बिलकुल नई, आरामदायक और सेफ गाड़ियां।दूसरा, पुरानी गाड़ियां सड़क पर सबसे ज्यादा धुआं छोड़ती हैं।अब 8 साल के बाद जब वो हटेंगी, तो सड़कों पर कम धुंआ और फ्रेश हवा का फायदा होगा।

लेकिन ड्राइवरों की परेशानी भी बड़ी है,अब जरा ड्राइवरों की भी सुनिए…

बहुत से टैक्सी ड्राइवरों ने गाड़ियां लोन पर ली हैं। उनकी EMI भी पूरी नहीं हुई है।अब अगर 8 साल बाद गाड़ी बंद करनी पड़ी, तो सीधा नुकसान! ऊपर से पेट्रोल-डीजल महंगा, ऐप्स का मोटा कमीशन और यात्रियों की कमाई का टशन — पहले ही हालत टाइट है।रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 20% टैक्सियां 8 साल से ज्यादा पुरानी हैं।अब या तो उन्हें बेच दिया जाएगा छोटे शहरों में प्राइवेट कार के तौर पर,या फिर स्क्रैप कर दिया जाएगा।इससे सेकेंड-हैंड कार बाजार में भी हलचल बढ़ेगी।

ऑटोमोबाइल कंपनियां चाहती हैं कि सरकार स्क्रैपेज बोनस दे, आसान EMI स्कीम शुरू करे नई गाड़ियां खरीदने में कुछ मदद करे. साथ ही, कई Fleet Companies भी हैं, जो टैक्सियां किराए पर देने को तैयार हैं, जिससे ड्राइवरों का बोझ थोड़ा कम हो सकता है।अब इस पूरे बदलाव का सबसे बड़ा फायदा मिलेगा EVs यानी Electric Vehicles को! क्योंकि कई राज्यों में EVs पर छूट मिलती है — टैक्स भी कम और चलाने का खर्च भी कम! ओला-उबर पहले ही कुछ शहरों में Electric Taxi टेस्ट कर रहे हैं।यानि, भविष्य में आपके शहर की टैक्सी सड़क पर ना सिर्फ चुपचाप चलेगी, बल्कि पॉकेट फ्रेंडली भी होगी!

ये नियम यात्रियों के लिए तो बेमिसाल है — नई, सेफ और शानदार टैक्सी!लेकिन अगर सरकार ने ड्राइवरों की मदद नहीं की, तो कई लोगों की रोजी-रोटी पर गहरा असर पड़ेगा।इसलिए सरकार, कंपनियां और ड्राइवर — तीनों का बैलेंस बनना बेहद ज़रूरी है।

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