उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. यह अस्पताल काफी बड़ा है. यहां इलाज के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं. हर समय यहां मरीज और रिश्तेदारों की भीड़ को देखते हुए कई अनधिकृत कारोबारियों ने अस्पताल परिसर में छोटी-मोटी दुकानें कर ली हैं. यहां फल मूल की दुकान, पकोड़े, गन्ने के जूस की दुकान और चलते-फिरते होटल भी नजर आते हैं. अस्पताल परिसर में झालमुड़ी बेचते भी दुकानदार नजर आएंगे.
अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि अस्पताल परिसर में जगह-जगह दुकानें नजर आएंगी. इनमें से अधिकांश दुकानों पर अब गाज गिरने जा रही है. यानी अस्पताल परिसर से ऐसी दुकानों को हटाया जा रहा है, जो अनधिकृत रूप से स्थित है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव जो उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के भी अध्यक्ष हैं, ने इस आशय की बात कही है. पिछले दिनों गौतम देव की मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल तथा मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर संजय मलिक, उत्तर ब॔ग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पुलिस आउट पोस्ट के प्रभारी, स्थानीय अधिकारी आदि के साथ एक बैठक हुई थी.इसमें उन्होंने यह बात कही थी.
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल इन दिनों एक बार फिर से अतिक्रमण का शिकार हो गया है. यहां अराजकता की भी स्थिति देखी जाती है. अस्पताल से बच्चा चुराने की भी घटनाएं घट चुकी है. इससे अस्पताल की भी बदनामी होती है. इन सभी घटनाओं को देखते हुए एक बार फिर से मेडिकल में साफ सफाई से लेकर व्यवस्था को दुरुस्त करने की चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि समय-समय पर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की जाती रही है.
संकेत मिल रहे हैं कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अतिक्रमण मुक्त और अस्पताल परिसर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासन की ओर से कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है. लेकिन यह कब होगा, इस बारे में कोई सूचना नहीं है. पर यहां के छोटे-मोटे दुकानदारों में दहशत जरूर है.जो छोटे-मोटे सामान बेचकर परिवार का पेट भरते हैं. आपको याद होगा कि एक बार पहले भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाया गया था. हालांकि यह सफल नहीं हो सका. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. जानकार मानते हैं कि इस बार मेडिकल परिसर में राज्य सरकार द्वारा संचालित मां कैंटीन और मां छाया कैंटीन के अलावा बाकी दुकानों को हटा दिया जाएगा.
सूत्र बता रहे हैं कि इस बार प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाया जा सकता है. इसका कारण भी है. पिछले साल कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला पीजी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद राज्य भर में मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की गई थी. दिसंबर 2024 में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक तथा सुरक्षा सलाहकार सुरजीत पुरकायसथ ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा कर सुरक्षा उपायों तथा अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी. उन्होंने उस समय कहा था कि मेडिकल परिसर में केवल मां कैंटीन और मां छाया कैंटीन को ही अनुमति मिलेगी.
अब अस्पताल प्रशासन ने उनकी सिफारिशों को अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है. तो क्या राज्य सरकार द्वारा संचालित कैंटीन के अलावा अस्पताल परिसर से बाकी दुकानों को हटा दिया जाएगा? हालांकि पूर्व के अनुभव को देखते हुए ऐसा लगता नहीं है. परंतु बदली हुई स्थितियों मे अगर ऐसा होता भी है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. यही कारण है कि यहां के छोटे-मोटे कारोबारी और दुकानदार, रोजाना कमाने खाने वाले लोग डरे और सहमे हुए हैं.
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