सड़े-गले खाने, प्लास्टिक से बने पकवान और घरेलू गैस सिलेंडरों ने खोली व्यवस्थाओं की पोल!
शहर की रफ्तार के साथ ज़िंदगी तो दौड़ रही है, लेकिन उसके साथ ज़हर भी परोसा जा रहा है – वो भी थालियों में, मिठाइयों में और रेस्टोरेंट की टेबल पर। शुक्रवार को सिलीगुड़ी के प्रसिद्ध एस.एफ. रोड पर जब राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अचानक छापेमारी की, तो जो नज़ारा सामने आया, उसने प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों को भी झकझोर कर रख दिया।
इस विशेष अभियान में जब विभाग ने शहर के बड़े और नामी होटलों, रेस्टोरेंट्स और मिठाई की दुकानों की गहन जांच शुरू की, तो कई जगहों पर सड़े-गले खाद्य पदार्थ, दो दिन पुराना भोजन, प्रतिबंधित डालडा , प्लास्टिक आधारित सामग्री और सबसे खतरनाक – घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग तक पाया गया।
कुछ ही दिन पहले प्रधान नगर क्षेत्र स्थित एक प्रसिद्ध बिरयानी दुकान में खाने के अंदर कीड़ा पाए जाने की घटना सामने आई थी, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखी गई थी।
इसी तरह, एक प्रतिष्ठित बेकरी की बर्गर में भी कीड़ा मिला था, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं और पूरे शहर में हड़कंप मच गया था।
अब जब एस.एफ. रोड पर हुई इस ताजा कार्रवाई में भी गंभीर लापरवाहियाँ उजागर हुई हैं, तो यह साफ हो गया है कि खाद्य सुरक्षा को लेकर पूरे शहर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट में फ्रिज में रखा गया दो दिन पुराना खाना फिर से गर्म कर ग्राहकों को परोसने के लिए तैयार किया जा रहा था। कुछ जगहों पर मिठाइयाँ न केवल बासी थीं, बल्कि उनके रंग और बनावट से साफ़ जाहिर था कि उन्हें ताज़ा दिखाने के लिए कैमिकल का भी इस्तेमाल हुआ है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि कई दुकानों में आज भी प्रतिबंधित डलडा का उपयोग हो रहा है, जिससे हृदय रोग और कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। वहीं कुछ स्थानों पर पकवान बनाने के लिए प्लास्टिक आधारित सामग्री का भी उपयोग देखा गया – जो न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि जानलेवा भी।
जांच में यह भी सामने आया कि कई दुकानदारों ने वाणिज्यिक गैस की जगह घरेलू एलपीजी सिलिंडर का उपयोग कर रखा था। इसका सीधा मतलब है – आग की लपटों से खेलने की तैयारी। एक छोटी सी चूक, और पूरा इलाका जलकर खाक हो सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने साफ किया है कि इस तरह के घातक उल्लंघनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कई दुकानदारों को नोटिस दिए गए हैं, और कुछ पर कानूनी प्रकरण भी दर्ज कर लिए गए हैं।
एस.एफ. रोड के दुकानदारों और ग्राहकों में इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम सोचते थे बाहर का खाना स्वादिष्ट होता है, अब लग रहा है – वह ज़हर है जो हमें धीमे-धीमे मार रहा है।”
सिलीगुड़ी में ये कार्रवाई सिर्फ एक चेतावनी है। अगर खाने की गुणवत्ता को लेकर ऐसे ही लापरवाह रवैया जारी रहा, तो जल्द ही स्वास्थ्य से जुड़ी एक बड़ी आपदा दस्तक दे सकती है। सवाल यही है – क्या अब भी आंखें खोलेंगे ज़िम्मेदार लोग?