21 जुलाई अब महज एक तारीख नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में टकराव की निर्णायक घड़ी बन चुकी है। एक ओर कोलकाता के धर्मतल्ला में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ‘शहीद दिवस’ के जरिए अपनी पारंपरिक राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करेगी, वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ‘उत्तरकन्या चलो अभियान’ के माध्यम से एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करने जा रहा है।
उत्तरकन्या के निकट स्थित फूलबाड़ी के चुनाभाटी फुटबॉल मैदान में भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली के लिए मंच निर्माण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। रैली से एक दिन पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील खां स्वयं मैदान पर पहुँचे और तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में राज्य सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया।
इंद्रनील खां ने कहा:“हम आंदोलन अदालत के निर्देश के अनुसार ही करेंगे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस को किसी कानून या निर्देश की परवाह नहीं होती। वे हर नियम को ताक पर रखकर राजनीति करती है।”
उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और उत्तर बंगाल की उपेक्षा जैसे मुद्दों पर भी ममता सरकार को जमकर घेरा।
‘उत्तरकन्या चलो’: ममता सरकार के खिलाफ बिगुल
21 जुलाई को सिलीगुड़ी के चुनाभाटी मैदान से भाजपा की युवा शाखा भाजयुमो ‘उत्तरकन्या चलो अभियान’ की शुरुआत करेगी। यह आंदोलन राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था की गिरावट और उत्तर बंगाल की उपेक्षा जैसे मुद्दों पर सवाल उठाने के लिए आयोजित किया गया है।
इस विरोध मार्च का नेतृत्व खुद भाजपा के शीर्ष नेता करेंगे, जिनमें नेता प्रतिपक्ष श्री सुवेंदु अधिकारी, और भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील खान शामिल हैं। भाजयुमो ने स्पष्ट किया है कि यह महज एक रैली नहीं, बल्कि एक नई राजनीतिक दिशा की शुरुआत है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेताओं का दावा है कि 21 जुलाई अब सिर्फ शहादत का दिन नहीं, बल्कि एक नई राजनीतिक चेतना की शुरुआत का दिन होगा। कोलकाता के धर्मतल्ला से या सिलीगुड़ी के चुनाभाटी मैदान से — बंगाल की नई दिशा का निर्धारण कल होगा।