सिलीगुड़ी के युवा कारोबारी प्रतीक अग्रवाल अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं और चर्चाएं शुरू हो गई है. सिलीगुड़ी के कारोबारी जगत में हर कोई हैरान है कि एक संपन्न युवा कारोबारी ने आखिर खुद को क्यों मिटा लिया? चर्चाओं का बाजार गर्म है. लेकिन इस सवाल का उत्तर किसी के पास नहीं है.
अब तक की पुलिस की प्रारंभिक जांच, पड़ोसियों के बयान तथा अन्य सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार युवा व्यापारी प्रतीक अग्रवाल इन दिनों गहरे मानसिक तनाव से जूझ रहे थे. ऊपर से उनके परिवार में सब कुछ शांत दिख रहा था. लेकिन अंदर ही अंदर पारिवारिक कलह उन्हें परेशान कर रहा था. यूं तो मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह से कोई भी परिवार वंचित नहीं है. चाहे अमीर हो या गरीब, हर किसी को कम या ज्यादा पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव से जूझना पड़ता है.
लेकिन कभी-कभी हालात और परिस्थितियों के भंवर जाल में पड़कर इंसान उससे निकलने की जितनी ही कोशिश करता है, वह उसमें और उलझता जाता है और फिर हालात ऐसे आ जाते हैं, जहां समस्या का समाधान तो नहीं होता, ऐसी स्थिति में वह खुद को ही मिटा लेने का फैसला करता है. मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का तो यही कहना है. प्रतीक अग्रवाल के साथ इस तरह की स्थितियां हो सकती हैं.
सिलीगुड़ी के युवा कारोबारी प्रतीक अग्रवाल भक्ति नगर थाना क्षेत्र के अपर भानु नगर स्थित एक अपार्टमेंट में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे. सेवक रोड पर ही उनकी एक दवा की दुकान है. प्रतीक अग्रवाल और उनकी पत्नी दुकान संभालते थे. घटना के दिन प्रतीक अग्रवाल ने तबीयत खराब रहने की बात कह कर अपनी पत्नी को दुकान संभालने के लिए भेज दिया. उनके दोनों बच्चे भी समय पर स्कूल चले गए थे. घर में प्रतीक अग्रवाल अकेले थे.
दिन के लगभग 2:00 बजे प्रतीक अग्रवाल की पत्नी ने अपने पति को फोन किया. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने बार-बार फोन किया. लेकिन घंटी बजती रही. फोन रिसीव नहीं किया गया. तब वह चिंतित होकर तुरंत घर पहुंची तो फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद पाया. तब तक उनके कुछ पड़ोसियों ने घर में गोली चलने की बात उन्हें बता दी तो किसी आशंका से घबराए उन्होंने तुरंत ही पुलिस को फोन किया.
भक्ति नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. तब तक उनके अपार्टमेंट के सामने लोगों की काफी भीड़ लग गई थी. पुलिस ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ डाला और अंदर प्रवेश किया. प्रतीक अग्रवाल का शव खून से लथपथ बिस्तर पर पड़ा था. जहां उनका शव पड़ा था, उसके बगल में ही एक बंदूक भी पड़ी हुई थी. प्रतीक अग्रवाल की दाहिनी कनपटी पर गोली लगने से पूरा खून उनके जिस्म पर फैल गया था. मौका ए वारदात से पुलिस ने पाया कि गोली सर के आर पार हो गई थी.
शव को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल भेजने के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. आज मृतक के शव का दाह संस्कार रामघाट में कर दिया गया. पुलिस को मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. इस बीच भक्ति नगर पुलिस ने मामले की तेजी से जांच शुरू कर दी है. मृतक की पत्नी, परिवार के अन्य सदस्यों और पड़ोसियों से घटना के बारे में पूछताछ की गयी तो पुलिस को पता चला कि पति-पत्नी के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे.
पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि जिस बंदूक से व्यवसायी ने खुद पर गोली चलाई, वह लाइसेंसी है या नहीं. इसके अलावा पुलिस बंदूक की बैलेस्टिक जांच की भी तैयारी कर रही है. इस मामले में पुलिस फॉरेंसिक टीम की मदद ले सकती है. पुलिस ने मौके से प्रतीक अग्रवाल का मोबाइल भी बरामद कर लिया है.उनके मोबाइल की कॉल रिकॉर्ड, व्यवसाय तथा अन्य पहलुओं की पुलिस जांच कर रही है. आखिरकार कारोबारी ने खुद को क्यों गोली मारी, इस संबंध में सिलीगुड़ी पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ईस्ट राकेश सिंह ने कहा कि मृतक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व बंदूक की बैलेस्टिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर पुख्ता रूप से कुछ कहा जा सकता है.