कल तक समाचार पत्रों व टी वी न्यूज़ चैनल्स की सुर्खियों में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकियों के बिहार में घुसने की चर्चा थी. लेकिन जांच के बाद आज बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी कानून व्यवस्था) ने दावा किया है कि नेपाल के रास्ते बिहार में किसी आतंकी का प्रवेश नहीं हुआ है. मजे की बात है कि बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से ही यह अलर्ट मैसेज जारी किया गया था कि नेपाल के रास्ते बिहार में जैश ए मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकी प्रवेश कर गए हैं और वे दहलाने वाली किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते हैं. आखिर सच्चाई क्या है?
बिहार में चुनावी गर्माहट उत्कर्ष पर है. विभिन्न दलों के नेता बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. तेजस्वी यादव और राहुल गांधी बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. राहुल गांधी के रोड शो की तैयारी हो रही थी. सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे. उनका रोड शो और वोटर अधिकार यात्रा नेपाल के सीमावर्ती इलाके ढाका, चिरैया, लालबेगिया होते हुए मोतिहारी जिला मुख्यालय तक निकाली जानी थी. उनका अलग से रोड शो का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
सुरक्षा की सारी तैयारी हो चुकी थी. तभी बिहार पुलिस मुख्यालय से एक अलर्ट सूचना राहुल गांधी के रोड शो की सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों को दी गई. इस सूचना के बाद पुलिस अधिकारियों में हलचल मच गई. पुलिस अधिकारी भागते दौड़ते नजर आए. सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई और फिर पुलिस अधिकारियों के द्वारा राहुल गांधी का रोड शो कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला कर दिया गया. बिहार पुलिस मुख्यालय से जो अलर्ट सूचना दी गई थी, उसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकवादी अररिया के रास्ते (नेपाल का सीमावर्ती इलाका) बिहार में घुस गए हैं.
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा इन्हीं इलाकों से गुजरने वाली थी. पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के हेड क्वार्टर में अलर्ट मैसेज भेज दिया गया कि पाकिस्तान के ये तीनों आतंकवादी राहुल गांधी की रैली या रोड शो अथवा वोटर अधिकार यात्रा को निशाना बना सकते हैं. इस सूचना के बाद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा की सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई. इसके अलावा राहुल गांधी की सुरक्षा इस प्रकार से बढा दी गई कि परिंदा भी पर नहीं मार सके.
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा निकाली जा रही थी. उनकी यात्रा के मार्गों पर भारी चौकसी बरती जा रही थी. पुलिस प्रत्येक वाहन और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रख रही थी. नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में जगह-जगह चेक पोस्ट बनाए गए थे. पुलिस की कई टीमें लगातार इन इलाकों में गश्त लगा रही थी. जिन आतंकियों के नेपाल के रास्ते बिहार में प्रवेश की जानकारी मिली थी, वे पाकिस्तान के रावलपिंडी का हसन अली, उमरकोट का आदिल हुसैन तथा बहावलपुर का मोहम्मद उस्मान हैं. तीनों आतंकियों की तस्वीर के साथ पासपोर्ट की जानकारी भी साझा की गई थी. यहां तक कहा गया कि ये तीनों आतंकवादी बिहार में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे.
उनकी तलाश में नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया . बिहार के डीजीपी विनय कुमार के अनुसार पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया . सभी जिला पुलिस और बिहार पुलिस की शाखों को निर्देश दिया गया कि इन खूंखार आतंकवादियों को ढूंढ निकालने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जाएं. उधर मोतीहारी पुलिस ने इन आतंकवादियों को पकड़वाने अथवा उनके बारे में सूचना देने वालों को ₹50000 का इनाम घोषित किया था. सूचना देने के लिए डायल संख्या 112 के अलावा मोबाइल नंबर 9031827 100, 9 43 18 22988 जारी किया था.
लेकिन इस सूचना के 24 घंटे बीतते ही एडीजी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि बिहार में जैश ए मोहम्मद का कोई भी आतंकवादी नहीं घुसा था. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उनकी ट्रैवल हिस्ट्री की जांच के बाद पाया गया कि सच्चाई कुछ और है. एडीजी के अनुसार जांच में पाया गया कि तीनों पाकिस्तानी नागरिक 8 अगस्त को दुबई से काठमांडू पहुंचे थे. लेकिन वहां से वे सीधे मलेशिया रवाना हो गए.इस दौरान उनके बिहार की सीमा में दाखिल होने का कोई सबूत या सुराग नहीं मिला. एडीजी ने कहा कि तीनों का जैश मोहम्मद या किसी आतंकी संगठन से संबंध है या नहीं, इस बारे में फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है.
जो भी हो, नेपाल पाकिस्तान के आतंकवादियों का भारत में प्रवेश का सुरक्षित द्वारा बनता जा रहा है जिस तरह से पाकिस्तान अपने आतंकियों को नेपाल के रास्ते भारत भेज रहा है, इसे देखते हुए अब समय आ गया है कि भारत सरकार नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध लोगों का पता लगाने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार करे. नेपाल की लगभग 600 किलोमीटर लंबी खुली सीमा सुरक्षा एजेंसियों के लिए लंबे समय से चुनौती रही है. इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक एवं मोस्ट वांटेड आतंकी यासीन भटकल को बिहार में ही नेपाल से सटे रक्सौल से पकड़ा गया था. उसकी गिरफ्तारी 28 अगस्त 2013 को हुई थी. यासीन भटकल पुणे, बेंगलुरु ,मुंबई, हैदराबाद और कई शहरों में धमाकों का आरोपी था. वर्ष 2025 में अब तक भारत नेपाल सीमा से अवैध प्रवेश करने वाले 14 विदेशी नागरिकों को SSB ने गिरफ्तार किया है. इनमें सर्वाधिक 8 चीनी नागरिक, तीन बांग्लादेशी और कनाडा, यूक्रेन तथा सेनेगल का एक-एक नागरिक शामिल है.