September 9, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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नेपाल में तख्ता पलट! संसद जलकर राख, ओली देश छोड़ने पर मजबूर…

नेपाल में पल-पल तस्वीर बदल रही है. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को फूंक कर सुप्रीम कोर्ट में भी प्रवेश कर लिया है. नेपाल के डिप्टी पी एम विष्णु प्रसाद को प्रदर्शनकारियों ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा है. प्रदर्शनकारी बालेन शाह को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं…

पाकिस्तान और बांग्लादेश में जिस तरह से तख्ता पलट हुआ, नेपाल भी अब इसमें शुमार हो गया है. नेपाल के आंदोलनकारी युवा नेपाल की सत्ता को अपने हाथों में करना चाहते हैं. वे एक नया नेपाल बनाना चाहते हैं. नेपाल के भ्रष्ट नेताओं को वे किसी भी हाल में बख्शने के लिए तैयार नहीं है. नेपाल हिंसा की आग में बुरी तरह जल रहा है. नेपाल की हिंसा का असर भारत पर ना पड़े, इसके लिए भारत सरकार ने पानीटंकी और सभी सीमा इलाकों में चौकसी बढा दी है. सिलीगुड़ी के निकट पानी टंकी इलाके में ऐसे वाहनों और लोगों की भीड़ देखी जा रही है, जो नेपाल से भाग कर भारत में प्रवेश कर रहे हैं.

पानी टंकी में SSB के जवान भारत में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं और नेपाल से भाग कर आने वाले लोगों के नाम, पते आदि की सूची बना रहे हैं. दार्जिलिंग जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्थिति विषम जरूर है, लेकिन सीमांत इलाकों में शांति है. पुलिस हर पहलू पर नजर रख रही है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात है. सीमा क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है.

नेपाल की सेना की सलाह पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नेपाल के गृह मंत्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. चर्चा यह भी है कि ओली दुबई भागने की तैयारी में है. कुछ समय पहले यह सब कुछ बांग्लादेश में देखा गया था. हमने देखा था कि किस तरह से बांग्लादेश में छात्रों एवं युवाओं ने बांग्लादेश में तख्ता पलट किया था. प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश से भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी थी. नेपाल में भी बांग्लादेश के तख्ता पलट इतिहास को दोहराया गया है.

जिस तरह से नेपाल में युवाओं का आंदोलन हिंसक हो चला है, उसके बाद यही कयास लगाया जा रहा है कि केपी शर्मा ओली को नेपाल छोड़ने के अलावा उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. नेपाल के लगभग सभी इलाकों में हिंसा भड़क चुकी है. राष्ट्रपति पौडेल के निजी आवास पर कब्जा करके आगजनी की गई है. नेपाल के मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया गया है. कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इन मंत्रियों में प्रधानमंत्री के अलावा कृषि मंत्री, गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री इत्यादि शामिल हैं.

लगभग दो दर्जन मौतों के बाद नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव हुआ है. ताकि नेपाल के हवाई अड्डे से जिम्मेदार नेता या मंत्री दूसरे देशों में पलायन न कर जाएं. इसके लिए आंदोलनकारी नेपाल के हवाई अड्डों पर तैनात हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपील कर रहे हैं कि हवाई अड्डे के पास पटाखे और ड्रोन का इस्तेमाल करके विमान को उड़ान भरने से रोका जाए.

इस बीच ओली ने सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगदेल से अपने और अन्य मंत्रियों की सुरक्षित निकासी के लिए मदद मांगी है. वे प्रधानमंत्री आवास से सुरक्षित बाहर निकलना चाहते हैं. हालात पल-पल बदल रहे हैं. नेपाल के कई शीर्ष नेताओं के घरों और दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया है. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल, प्रधानमंत्री के पी शर्मा का निजी निवास और वीरता मोड़ के पास कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय को भी आग लगा दी गई है.

नेपाल में हिंसक आंदोलन और अशांति का असर सिक्किम, बंगाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखा जा रहा है. इससे भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है. मिरिक के पास पशुपति और सिलीगुड़ी के पानी टंकी की सीमा नेपाल से लगती है. सिक्किम में चिवाभांजेग भारत और नेपाल की सीमा है. इन क्षेत्रों में SSB तैनात है. नेपाल स्वास्थ्य पर्यटन का प्रमुख केंद्र है. वीरता मोड और बिहार के जोगबनी के पास नेपाल के विराटनगर के नेत्र अस्पतालों में सिक्किम, दार्जिलिंग, असम, बिहार से काफी संख्या में रोगी पहुंचते हैं. संचार बाधित होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

निश्चित रूप से नेपाल अपने उन दिनों को याद कर रहा होगा, जब यहां राजा का शासन होता था और राष्ट्र एकजुट और मजबूत था. प्रजा सुखी थी. राजतंत्र खत्म होने के साथ ही नेपाल में प्रजातंत्र कायम हुआ तो यहां के युवाओं के सपने उड़ान भरने लगे. लेकिन प्रजातांत्रिक राष्ट्र में सत्ता का खेल शुरू होते ही देश में उथल-पुथल शुरू हो गई. भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेता अपनी कुर्सी बचाने में लग गए और नेपाल के युवा अपने सपनों को पूरा होते ना देखकर सत्ता और सरकार को लानत भेजने लगे.

आज नेपाल के युवाओं के भीतर वर्षों से सुलग रही आग प्रचंड रूप धारण कर चुकी है. यह एक ऐसी आग है, जिसे बुझाना आसान नहीं है. पुलिस और सेना नतमस्तक है. आंदोलनकारी युवा नेपाल में अपनी सत्ता कायम करना चाहते हैं और इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं. पूरे नेपाल को अपनी मुट्ठी में करने की तैयारी में जुटे इन युवाओं का हिंसक आंदोलन कहां तक जाकर रुकता है, यह देखना होगा. इन युवाओं ने यह साबित कर दिखाया कि युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र की तकदीर लिख सकती है. यह देखना होगा कि यह युवा किस तरह से नेपाल की तकदीर को लिखते हैं. फिलहाल नेपाल की संसद को आग के हवाले किया जा चुका है.

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