September 10, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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बंगाल की खाड़ी से उठी तबाही : सिलिगुड़ी और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश का खतरा !


सिलिगुड़ी/कोलकाता। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) ने पश्चिम बंगाल और खासकर उत्तर बंगाल के इलाकों में मौसम को और गंभीर बना दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश के साथ कई जगह तेज हवाएं चलने की संभावना है।

उत्तर बंगाल में लगातार बारिश का अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर बंगाल के जिलों – दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार और सिलीगुड़ी – में मूसलाधार बारिश हो सकती है। इन इलाकों में पहले से ही बादलों का डेरा है और तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। बारिश का यह सिलसिला अगले तीन से चार दिनों तक जारी रह सकता है।

सिलिगुड़ी में बढ़ रही चिंता

सिलिगुड़ी में हल्की से मध्यम बारिश का दौर लगातार जारी है। आसमान में काले बादल छाए रहने से वातावरण में नमी बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 24 घंटों में रुक-रुक कर हुई बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। बाजारों और मुख्य सड़कों पर पानी भरने की आशंका जताई जा रही है यदि बारिश और तेज होती है।

नदियों का बढ़ता जलस्तर

टीस्ता और महानंदा नदियों में जलस्तर धीरे-धीरे ऊपर जा रहा है। लगातार बारिश होने से इन नदियों का रौद्र रूप देखने को मिल सकता है। उत्तरी इलाकों की पहाड़ियों से पानी के बहाव में तेज़ी आने की संभावना है, जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का अंदेशा

दार्जिलिंग और कलिम्पोंग की पहाड़ियों में भारी बारिश से मिट्टी खिसकने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इस तरह के हालात से सड़क संपर्क बाधित होने का खतरा है। पिछले कुछ दिनों में हल्की दरारें देखने को मिली हैं और स्थानीय लोग संभावित भूस्खलन को लेकर चिंतित हैं।

दक्षिण बंगाल में भी असर

उत्तर बंगाल के साथ-साथ दक्षिण बंगाल के जिलों में भी बारिश की गतिविधियां तेज होने लगी हैं। कोलकाता, हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना में मध्यम से तेज बारिश दर्ज की जा रही है। हालांकि इन इलाकों में फिलहाल हालात सामान्य हैं, लेकिन मौसम विभाग ने यहां भी भारी बारिश की संभावना जताई है।

किसानों की चिंता

लगातार बारिश से खेतों में पानी जमा होने की स्थिति बन रही है। उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल दोनों ही हिस्सों में धान की खेती पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश इसी तरह जारी रही तो उनकी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।

आगे का पूर्वानुमान

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी का यह चक्रवाती सिस्टम कमजोर होकर अगले कुछ दिनों में मध्य भारत की ओर बढ़ेगा, लेकिन तब तक पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। खासकर पहाड़ी जिलों और निचले मैदानी इलाकों में सतर्क रहने की जरूरत है।

नतीजा

मानसून के इस आखिरी चरण ने पश्चिम बंगाल के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सिलिगुड़ी और उत्तर बंगाल के अन्य जिलों में लगातार बारिश का असर जनजीवन पर गहराता जा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा है और किसानों की फसलों पर असर पड़ रहा है। आने वाले कुछ दिन प्रदेश के लिए मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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