14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 के अंतर्गत दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में महा मुकाबला होने जा रहा है. पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद यह पहला अवसर है, जब भारत और पाकिस्तान दोनों धुर विरोधी देश क्रिकेट ग्राउंड पर आमने-सामने भिड़ने वाले हैं. इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
हालांकि इस मैच को लेकर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा है. खासकर ऐसे क्रिकेट प्रेमी, जो पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान की आतंक परस्ती नीति और आतंकी चेहरे को देख चुके हैं. वे काफी दुखी हैं. वे आज दुबई में होने वाले वाले भारत पाक क्रिकेट मैच महामुकाबला का विरोध कर रहे हैं.
अनेक लोगों का मानना है कि जिस पाकिस्तान ने भारत में आतंकी भेजे और हमारे निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा, उस देश के साथ किसी भी सूरत में भारत को मैच नहीं खेलना चाहिए. मालूम हो कि पाक आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम घाटी में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी.
इसके दुख में कई क्रिकेट प्रेमी इस मैच को लेकर उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि कई भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि यह तो आईसीसी का टूर्नामेंट है. ना कि भारत पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मैच. उनका मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मैच नहीं होना चाहिए.
क्रिकेट प्रेमी इस मैच को लेकर क्या सोचते हैं, इसे किस नजरिए से देखते हैं, उनके बीच अलग-अलग मत है और अलग-अलग दृष्टिकोण है. भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर बीसीसीआई के सचिव ने हाल ही में कहा था कि बोर्ड पूरी तरह से केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करती है. सरकार की स्पष्ट नीति है. भारत-पाकिस्तान के साथ आईसीसी के टूर्नामेंट में साथ खेल सकता है. लेकिन पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगा.
जबकि इस मुकाबले को लेकर भारतीय राजनीति गरमा गई है. कई विपक्षी पार्टियों के नेता इस मैच का बहिष्कार कर रहे हैं और सरकार विरोधी बयान दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने भारत पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच के विरोध में दिल्ली में पुतला दहन किया है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ नारे लगाए- खून और मैच एक साथ नहीं चलेगा.
विपक्षी पार्टियों के नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का मैच खेलने का मतलब यह है कि देश के शहीदों का अपमान करना है. शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर प्रहार किया है और कहा है कि क्या यही है मोदी सरकार का असली चेहरा? जिस पाकिस्तान के साथ हमने युद्ध लड़ा, उसी पाकिस्तान के साथ मैच खेलेंगे? ऐसी क्या मजबूरी आ गई! कुछ विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि मोदी सरकार देशभक्ति के नाम पर देश के साथ मजाक कर रही है. क्या देशभक्ति का व्यापार किया जा सकता है? क्योंकि उनके लिए देश हित से ज्यादा व्यापार जरूरी है.
आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जब दिलजीत दोसांझ की फिल्म आती है तो बीजेपी के लोग कहते हैं कि यह गद्दार है. लेकिन बड़े साहब का बेटा आईसीसी और बीसीसीआई को देख रहा है तो सब कुछ सही हो गया. हालांकि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले पर थोड़ी नरमी दिखाई है. उन्होंने यह जरूर कहा है कि हमारी समस्या हमेशा द्विपक्षीय क्रिकेट मैच को लेकर रही है. बड़े टूर्नामेंट के बहुपक्षीय हिस्से से हमें कभी कोई दिक्कत रही हो, ऐसा मुझे नहीं लगता. उन्होंने कहा कि जो हुआ, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
बहरहाल, इस संदर्भ में आपकी क्या राय है? क्या भारत को पाकिस्तान के साथ मैच खेलना चाहिए? अपनी राय से हमें जरूर अवगत कराएं!