दुर्गा पूजा के आपके सारे उत्साह और उम॔ग को फीका करने आ रहा है आंधी, पानी और तूफान. यह भी हो सकता है कि सप्तमी से लेकर नवमी तक जब शहर में पूजा पंडालों में विशेष रौनक और चहल पहल रहती है, पूजा घूमने के आपके सारे उत्साह और उमंग पर पानी फिर जाए! बारिश पहले कम और उसके बाद से लगातार बढ़ती जाएगी. बारिश के साथ तूफान भी उतना ही ज्यादा भयावह हो सकता है.
क्योंकि जिस तरह की खबर मौसम विभाग से प्राप्त हो रही है, बहुत डरावनी भी है और इसकी काफी संभावना है कि जैसे-जैसे पूजा की सरगर्मी बढ़ती जाएगी, बारिश, आंधी व तूफान उसपर पलीता लगाते जाएंगे. पंचमी से ही यह अवस्था आप देख सकते हैं.
सिलीगुड़ी के पूजा आयोजक कमेटियों को भी खबरदार कर दिया गया है. पूजा आयोजन समितियां बन रहे पंडालों की व्यवस्था आंधी पानी और तूफान से बचाव और दर्शकों की सुरक्षा के हिसाब से तैयार कर रही हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही दुर्गा पूजा आयोजकों से ऐहतियात बरतने और खराब मौसम को देखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां करने को कहा है. राहत की बात है कि सिलीगुड़ी के दुर्गा पूजा पंडाल इसी के मद्देनजर पंडालों में तैयारी कर रहे हैं.
दरअसल मौसम विभाग ने बहुत पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि बंगाल में सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक दुर्गा पूजा के दौरान भारी वर्षा और तूफान की संभावना रहेगी. मौसम विभाग की ताजा अपडेट में भी यही बात कही गई है. इसलिए पूजा के दौरान बारिश और आंधी तूफान से इनकार नहीं किया जा सकता है. आरंभ में केवल सामान्य बारिश ही होगी. चतुर्थी तिथि से बारिश तेज होती जाएगी.
30 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक भारी बारिश की संभावना है. उस दौरान तूफान का भी कहर देखा जा सकता है. यानी अष्टमी से लेकर दशमी तक आंधी तूफान और बारिश की प्रबल संभावना बन रही है. इस समय पूजा पंडालों में दुर्गा पूजा चरम पर रहती है. आखिर पूजा के दौरान बारिश और आंधी तूफान की संभावना क्यों है?
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे म्यांमार तट पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यह चक्रवात उत्तर और उत्तर पश्चिम की बढ़ रहा है और आज इसे बंगाल की उत्तरी खाड़ी तक पहुंच जाने की संभावना है. इससे इस बात के पूरे आसार हैं कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा. यह लगातार गहरे दबाव में बदलता जाएगा और जब यह गहरे दबाव में बदलेगा तब दुर्गा पूजा चरम पर होगी.
इसलिए पूजा के आरंभ में कम वर्षा और फिर वर्षा तेज होती जाएगी और इसके साथ ही तूफान भी कहर मचा सकता है. सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग से लेकर मालदा तक उत्तर बंगाल के सभी जिलों में गरज और बिजली के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है. तूफानी हवाएं चलने से यह बारिश जन जीवन को छिन्न भिन्न कर सकती है. मौसम विभाग की ताजा अपडेट में बताया गया है कि हवा 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है.
इसलिए आशंका व्यक्त की जा रही है कि लोग पूजा में घरों से कम निकलेंगे. अगर आप पूजा घूमने निकल रहे हैं तो पूरी सावधानी और अपनी सुरक्षा के साथ घर से निकले. छोटे बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखें. बारिश छूटने पर ही पूजा घूमने जाएं. बहर हाल देखना होगा कि इस बार पूजा का उत्साह फीका पड़ता है या नहीं और यह भी कि बारिश पूजा दर्शनार्थियों के उत्साह पर कितना असर डालती है.