कोलकाता में 23 सितंबर को जो हुआ, उसकी कल्पना करके ही रूह कांप जाती है. पिछले 37 सालो ं मे ं पहली बार कोलकाता मे ं बादल फटन े जैसी बारिश हुई, जिसन े पूरे शहर को डूबो दिया. मौसम विभाग ने पहले ही उत्तर बंगाल को अलर्ट कर दिया है कि सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल मे ं मूसलाधार बारिश हो सकती है. अगर मूसलाधार बारिश कोलकाता की तर्ज पर सिलीगुड़ी मे ं हुई तो सिलीगुड़ी का क्या होगा, यह सोचकर ही सिलीगुड़ी के लोग डर गए हैं और दुआ कर रहे हैं कि हे इंद्रदेव, सिलीगुड़ी को कोलकाता मे ं हुई बादल फटन े जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाएं
कोलकाता की मूसलाधार बारिश ने सिलीगुड़ी को डराना शुरू कर दिया है. कोलकाता की बारिश ने जनजीवन को हिला कर रख दिया. 1 घंट े में 98 मिमी, और 24 घंट े में 252 मिलीमीटर पानी बह चला. लगभग 10 लोगों की जान े ं गई. ट्रेन और फ्लाइट्स रुक गई. दुर्गा पूजा के समय पूरा कोलकाता तालाब बन गया. ऐसी मूसलाधार बारिश भी होती है! पहली बार नवान्न भी हिल गया. आफत – मुसीबत को देखते हुए वक्त से एक दिन पहले ही सरकार ने दुर्गा पूजा के मद्देनजर सभी सरकारी दफ्तरों और स्कूलों की छुट्टी का ऐलान कर दिया है. 26 सितंबर से होने वाली पूजा की सरकारी छुट्टी 25 तारीख से ही प्रभावी हो जाएगी.
कोलकाता पर तो अभी खतरा टला नही ं है. सिलीगुड़ी खतरे के लिए तैयार हो रहा है. कोलकाता को लेकर आईएमडी ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस हफ्ते कोलकाता में और बारिश होगी, जिसका सीधा मतलब है कि दुर्गा पूजा पर इसका व्यापक असर होगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा आयोजन समितियो ं से लेकर आम लोगों को सावधान करना शुरू कर दिया है. 25 सितंबर से लेकर 27
सितंबर तक खतरा ज्यादा है. तटीय इलाकों मे ं मूसलाधार बारिश, तेज हवाएं और बाढ ़ का खतरा दिख रहा है.
कोलकाता के लोग काफी डरे हुए हैं. डूब े शहर से पानी निकल नहीं रहा है. लोग अपने-अपने घरों से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन पानी का फ्लो इतना ज्यादा है कि नाले भी साथ नही ं दे रहे हैं. जब नाले का पानी कम होगा तभी घरों से पानी निकल कर नाले मे ं बहेगा. इस बारिश ने कोलकाता को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से छिन्न भिन्न कर दिया है. दुर्गा पूजा में कमाई करने की मंशा से दुकान खोले बैठ े दुकानदारों का सब कुछ नष्ट हो गया. बाजार मे ं घुटनो ं भर पानी… जो जहा ं था, वहीं रह गया. रेल, सड़क, वायुयान सेवा ठप्प ! इसस े पहले इस तरह की आफत और हाहाकार 37 साल पहले कोलकाता में देखा गया था.
क्या सिलीगुड़ी मे ं भी ऐसी मुसीबत का सामना लोगों को करना पड़ सकता है? आईएमडी ने उत्तर बंगाल के लिए भी अलर्ट जारी कर रखा है. यहा ं भी भारी बारिश हो सकती है. ताकि कोलकाता की स्थिति सिलीगुड़ी में उत्पन्न ना हो सके, इसके लिए सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की है कि तेज और मूसलाधार बारिश में वे घरों से बाहर न निकले. बिजली के तारों से दूर रहे. पानी में करंट फैलने से ही कोलकाता में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई थी.
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, कोलकाता जैसी बादल फटन े जैसी मूसलाधार बारिश में सिलीगुड़ी के लोगों को राहत देने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा पंपिंग मशीनों को तैयार करके रखा जा रहा है. अगर तेज बारिश होती है और सड़कों पर पानी का जमावडा
होता है तो पंपिंग मशीन लगाकर उस े तुरंत बाहर निकाला जा सके. बहरहाल यह देखना होगा कि कोलकाता मे ं बादल फटन े जैसी मूसलाधार बारिश का सामना सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल को करना पड़ता ह ै या नहीं.
इस तरह की मुसीबत जलवायु परिवर्तन के कारण ही आती है. इसलिए बारिश को लेकर ठीक-ठाक अनुमान लगाना संभव नही ं है. लेकिन सावधानी जरूरी है. सिलीगुड़ी के लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है कि अगर कोलकाता जैसी बादल फटन े जैसी मूसलाधार बारिश सिलीगुड़ी में होती है, तो किस तरह से अपना बचाव और सुरक्षा की जा सके. मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली, नदियो ं और नालो ं से दूर रहें.
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, कोलकाता जैसी बादल फटने जैसी मूसलाधार बारिश में सिलीगुड़ी के लोगों को राहत देने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा पंपिंग मशीनों को तैयार करके रखा जा रहा है. अगर तेज बारिश होती है और सड़कों पर पानी का जमावडा होता है तो पंपिंग मशीन लगाकर उसे तुरंत बाहर निकाला जा सके. बहरहाल यह देखना होगा कि कोलकाता में बादल फटने जैसी मूसलाधार बारिश का सामना सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल को करना पड़ता है या नहीं.