22 सितंबर से देशभर में नई जीएसटी दर प्रभावी हो गई है. विभिन्न बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड से उपभोक्ता खर्च में भारी उछाल आया है. दैनिक औसत खर्च 20 हजार से 25 हजार करोड रुपए हो गया है. बाजार के जानकारों का मानना है कि यह नयी जीएसटी दर और त्यौहारों का असर है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी 2.0 के अमल में आने के दिन से 3 दिनों के भीतर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उपभोक्ता खर्च में भारी उछाल आया है. इसे देखते हुए बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने क्रेडिट कार्ड के नियमों में थोड़े बदलाव किए हैं, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगे.
विभिन्न बैंकों के द्वारा मौजूदा स्थिति में खर्च और संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर नियमों में थोड़े परिवर्तन भी किए गए हैं. बैंक ऑफ़ बड़ौदा के एमडी और सीईओ के हवाले से कहा गया है कि उपभोक्ता रुझान को देखते हुए बॉब कार्ड में 1 अक्टूबर 2025 से कुछ नए बदलाव लागू किए जा रहे हैं. बैंक का कहना है कि त्यौहार का मौसम और ऑफर के साथ उपभोक्ता खर्च में भारी उछाल आया है.आने वाले समय में इसमें और उछाल आने की संभावना है. बॉब की ओर से दावा किया जा रहा है कि नए बदलाव का मकसद ग्राहकों को पारदर्शी और सुगम अनुभव देना है.
बैंक की ओर से कहा जा रहा है कि पिछले महीने की इसी अवधि की तुलना में पिछले दो दिनों में बॉब कार्ड ने क्रेडिट कार्ड खर्च में 40% की वृद्धि दर्ज की है. अब बैंक ने 1 अक्टूबर 2025 से न्यूनतम भुगतान और रिवार्ड प्वाइंट्स के नियम सख्त बना दिए हैं. कंपनी की ओर से MAD की नई गणना प्रणाली और रिवॉर्ड प्वाइंट्स फीचर में बदलाव किए गए हैं. एम ए डी की गणना 100% सभी फीस, फाइनेंस चार्ज+ जीएसटी+ EMI के अलावा 2% रिटेल खर्च + कैश एडवांस समेत होगी.
1 अक्टूबर 2025 से बकाया राशि क्रेडिट लिमिट से ज्यादा हो जाती है, तो न्यूनतम भुगतान एम ए डी ओवर लिमिट राशि के बराबर होगा. अगर संपूर्ण बकाया रकम ₹200 या उससे कम है तो एमएडी उसी के बराबर होगा. नियत तिथि तक भुगतान न होने पर उपभोक्ता को फाइनेंस चार्ज देने होंगे. इसी तरह से नए लेनदेन पर भी चार्ज लगेंगे, जब तक कि पिछला बकाया पूरा नहीं चुका दिया जाता है. और भी कई छोटे बदलाव किए गए हैं.
जहां तक रिवार्ड प्वाइंट्स का बदलाव है तो स्टेटमेंट स्तर पर ही कार्ड अकाउंट में जोड़े जाएंगे. हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि दूसरे बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के नियमों में क्या बदलाव किया है, परंतु यह समझा जाता है कि उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से बैंक उत्साहित हैं और क्रेडिट कार्ड के नियमों में आवश्यकता अनुसार बदलाव कर सकते हैं.
आरबीएल बैंक के क्रेडिट कार्ड ग्राहकों की मांग में 20% की वृद्धि देखी गई है. यह वृद्धि जीएसटी में दी गई राहत के परिणाम स्वरूप आई है. ग्राहक क्रेडिट कार्ड से जबरदस्त खरीददारी कर रहे हैं. वैसे क्रेडिट कार्ड खर्च के मामले में एचडीएफसी बैंक शीर्ष पर रहा है. जुलाई के 27.8 प्रतिशत के मुकाबले बाजार में इस कार्ड के जरिए खर्च की हिस्सेदारी 28.2% तक हो गई है. जबकि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और इंडसइंड बैंक के द्वारा महीने दर महीने आधार पर बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई गई है. आइसीआइसीआइ बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी क्रमशः 18% और 11.4 प्रतिशत रही है.