November 18, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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SIR के डर से बांग्लादेश लौटने लगे घुसपैठिए! हकीमपुर चेकपोस्ट पर लगा जमावड़ा!

पश्चिम बंगाल के स्वरूप नगर थाना क्षेत्र के हकीमपुर चेक पोस्ट पर भारी तादाद में स्त्री, पुरुष और बच्चों को अपने हाथ और सिर पर घर गृहस्थी का सामान ढोते देखकर आप चौंक मत जाइएगा. ये बंगाल के नागरिक नहीं हैं. ये सभी बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं. आंखों में निराशा और भय थिरक रहा है. मंजिल है अपने वतन लौटना. लेकिन वतन लौटकर क्या करेंगे, यह सवाल भी उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है. भारत यानी बंगाल में तो मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भर रहे थे. वतन लौटकर अपने बच्चों का पेट कैसे भरेंगे, यह चिंता भी है. पर इस समय उनकी आंखों में वतन लौटने की छटपटाहट साफ दिख रही है.

पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. भारत बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके में रह रहे अधिकांश बांग्लादेशी घुसपैठिए बांग्लादेश से रोजी-रोटी कमाने भारत आए और यहीं के होकर रह गए. बंगाल में एस आई आर शुरू होने के बाद अब ऐसे बांग्लादेशी घुसपैठियों में हड़कंप मच गया है. उन्हें लग रहा है कि SIR के लिए उनके पास कोई मान्य दस्तावेज नहीं है. ऐसे में उन्हें वापस अपने वतन जाने पर मजबूर होना पड़ेगा.

पश्चिम बंगाल के नदिया में 10 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किये जा चुके हैं. पुलिस ने हंसखाली से उनकी गिरफ्तारी की है. इनमें पांच पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं. ये सभी अवैध तरीके से सीमा पार करके भारत में घुसे थे और काफी समय से अवैध तरीके से रह रहे थे. इससे पहले भी कई बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस बीच बंगाल में SIR के तहत प्रपत्र वितरण का काम जोर पकड़ने से इन अवैध घुसपैठियों में लगातार घबराहट और भय सवार है, जो उन्हें वतन लौटने पर बाध्य कर रहा है.

यही कारण है कि भारत बांग्लादेश हकीमपुर चेक पोस्ट पर बांग्लादेश लौटने को आतुर बांग्लादेशियों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. रविवार को यहां कुछ सौ की तादाद में बांग्लादेशी घुसपैठिए अपना बोरिया बिस्तर समेटकर बांग्लादेश जाने के लिए चेक पोस्ट पर जमा थे. सोमवार को उनकी तादाद बढ़कर 300 हो गई. हकीमपुर चेक पोस्ट पर बांग्लादेश लौटने वाले घुसपैठियों का जमावड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. बीएसएफ के जवान इन घुसपैठियों की पहचान करके उन्हें बॉर्डर पार करा रहे हैं. सीमा पर सख्त पहरा लगा है.

इन बांग्लादेशी घुसपैठियों में स्त्री, पुरुष, बच्चे, वृद्ध सभी थे. उनके हाथ में झोले और सर पर घर गृहस्थी का सामान था. अधिकतर घुसपैठिए बांग्लादेश के सतखीरा और खुलना जिले के निवासी हैं. उनके बारे में बताया जा रहा है कि वे वर्षों पहले बांग्लादेश से अवैध तरीके से भाग कर भारत आ गए और भारत में रहने लगे. उन्होंने भारत में रहते हुए भारत के विभिन्न शहरों में छोटी-मोटी नौकरियां करते हुए विभिन्न शहरों का दौरा किया. अधिकांश बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में मजदूरी और निर्माण का काम करते हैं. वे रिक्शा चलाते हैं और ईंट भट्टे में काम करते हैं. अब ऐसे लोगों में हड़कंप मच गया है.

अपने वतन लौटने के लिए हकीमपुर चेक पोस्ट पर जमा अब्दुल सरकार बांग्लादेश के सतखीरा का रहने वाला है. वह इलाज कराने के लिए बांग्लादेश से कोलकाता आया और कोलकाता में ही बस गया. बाद में उसने कोलकाता से बंगाल के दूसरी शहरों में रोजी-रोटी कमाना शुरू कर दिया और परिवार के साथ रहने लगा. अब वह SIR के डर से अपने वतन लौट रहा है. उसके साथ उसका परिवार और बच्चे भी हैं.

ऐसे कई अब्दुल सरकार हैं, जो भारत में अवैध तरीके से रह रहे थे लेकिन SIR शुरू होने के बाद उनमें भय और हडकंप मच गया है. वे अपने वतन लौट रहे हैं. हालांकि बीएसएफ ने पुष्टि की है कि अभी तक यहां आधिकारिक नागरिक सत्यापन शुरू भी नहीं हुआ है. जबकि इन घुसपैठियों में भय, अनिश्चितता और बेबसी इस कदर बढ़ गई है कि वह अपने वतन लौटने के लिए छटपटा रहे हैं. यहां अफवाह भी तेजी से जोर पकड़ रही है कि अगर उनके पास कागजात नहीं हुए तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. हालांकि बीएसएफ ने ऐसी अफवाह की पुष्टि नहीं की है.

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