नेपाल में एक बार फिर से 70 दिन पुरानी स्थिति लौटती प्रतीत हो रही है. टकराव और कर्फ्यू के बीच सड़कों पर बवाल भी शुरू हो गया है. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समर्थक भारत की सीमा से सटे शहर सेमरा में जेन जी के नेताओं से टकरा गए. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कर्फ्यू लगाना पड़ गया.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार नेपाल में कुछ इलाकों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है. जबकि कई फ्लाइट को रद्द कर दिया गया है. यहां के लोग सहमे हुए हैं. क्योंकि कोई ज्यादा दिन नहीं हुए. महज 70 दिन ही हुए हैं. जब नेपाल में पुलिस की फायरिंग में 21 युवकों की मौत हो गई थी. 8 सितंबर की यह घटना है.
आज की घटना के पीछे जो कारण बताया जा रहा है, उसके अनुसार UML महासचिव शंकर पोखरेल तथा युवा नेता महेश बस्नेत सेमरा में एक सरकार विरोधी रैली को संबोधित करने के लिए फ्लाइट से पहुंचे थे. जैसे ही उनके आने की खबर मिली, सैकड़ो जैन जी युवक हवाई अड्डे पर जमा हो गए और UML के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
देखते ही देखते UML और जेन जी नेताओं के बीच भिड़ंत हो गई. इसके बाद पथराव, मारपीट और सड़कों पर हंगामा शुरू हो गया. प्रशासन ने समय रहते स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया और पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया. बारा जिले के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने जानकारी दी है कि दिन के 1:00 से लेकर 8:00 बजे रात तक कर्फ्यू जारी रहेगी.
हालांकि कुछ मीडिया खबरों के अनुसार नेपाल में कई इलाकों में हिंसा की खबरें हैं. कुछ इलाकों में आगजनी भी की गई है. हालांकि पुलिस प्रशासन सख्त है. हवाई अड्डों पर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. उधर UML के नेता काठमांडू वापस लौट गए हैं. इस घटना के बाद दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.
Zen G के नेता पुरुषोत्तम यादव ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि शांति से बदलाव का सपना लेकर आगे बढ़ रहे युवाओं पर की गई हिंसा नागरिकों के अधिकारों पर एक गंभीर हमला है. उन्होंने कहा कि युवाओं की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. अब देखना है कि नेपाल की सरकार पूरे मामले से कैसे निबटती है?
