दिल्ली बम विस्फोट की जांच के क्रम में अब तक कई सुराग हाथ लगे हैं. उनकी जांच और विश्लेषण के बाद जो सच्चाई सामने आ रही है, वह काफी दहशत में डाल रही है. अगर जांच एजेंसियो ने समय पर ISI की साजिश का भंडाफोड़ नहीं किया होता तो आज भारत अस्त व्यस्त और उथल-पुथल की स्थिति में होता. क्योंकि पाकिस्तान की नीयत और मंशा ऐसी थी कि भारत की नदी, नालों या पेयजल स्रोतों में जहर मिलाकर इसी हथियार से भारतीयों को मौत की नींद सुलाना था.
उत्तर भारत में फरीदाबाद बम मॉडल और दक्षिण में राइसिन अटैक की साजिश का समय से पता चलने के बाद यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में अस्थिरता फैलाने की जी जान से कोशिश कर रही थी. आपको बता दे कि दिल्ली लाल किला धमाके में शामिल फरीदाबाद मॉडल के पास लगभग 3000 किलोग्राम अमोनियम मिला था. इससे यह संकेत मिल रहा है कि उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर धमाकों की योजना बनाई गई थी. उधर गुजरात एटीएस ने अहमद मोइनुद्दीन सैयद नमक एक जय आतंकी को पकड़ा था जो हैदराबाद का रहने वाला है और उसने जैविक माध्यम से भारत को बर्बाद करने का बीड़ा उठाया था सैयद
मोइनुद्दीन पर आरोप है कि उसने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के निर्देश पर राइसिन जहर तैयार किया और उसे दक्षिण भारत में व्यापक हमले के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा था. गुजरात एटीएस द्वारा दर्ज कराई गई FIR के अनुसार पाकिस्तान ने बहुत ही खूबसूरत साजिश की थी और इसमें पाकिस्तान का नाम ना आए, इसलिए इसे अफगानिस्तान से संचालित किया गया था.
