November 25, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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ऊंचे पहाड़ पर घूमने के इच्छुक लोग हो जाएं सावधान! संदकफू में कोलकाता की एक महिला पर्यटक की मौत!

हालांकि समतल से लेकर पहाड़ तक अभी कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ रही है, ऐसे में बहुत से लोग पर्यटन का लुत्फ पहाड़ों में उठाना चाहते हैं. शादी विवाह का मौसम है. देश-विदेश से अनेक पर्यटक सिलीगुड़ी में शादी समारोह में भाग लेते हैं और वापस जाने से पहले उन्हें पहाड़ में जाकर घूमना अच्छा लगता है. इस समय दार्जिलिंग में संदकफू में पर्यटकों की काफी चहल-पहल बढ़ गई है. मगर इसके साथ ही खतरा भी बढा है. अगर आप भी पहाड़ में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है.

इस मौसम में बहुत से लोग दार्जिलिंग में संदकफू घूमना पसंद करते हैं. यह स्थान हिमालय की ऊंचाई पर स्थित है. पर्यटकों को लगता है कि इसी बहाने हिमालय की सैर कर लें तो उनका यहां आना सफल हो जाएगा. यह स्थान एडवेंचर और रोमांच से भरपूर है. जीवित पहाड़ और प्रकृति का अद्भुत संगम यहां देखा जा सकता है. यही कारण है कि हर पर्यटक संदकफू जाना चाहता है. लेकिन यहां उन्हीं पर्यटकों को आना चाहिए, जो पूरी तरह फिट और स्वस्थ हैं. अन्यथा आपके साथ कोई हादसा या अनहोनी हो सकती है.

संदकफू का मौसम कब बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. कभी-कभी यहां का मौसम और खासकर सर्दी की शुरुआत में जलवायु और मौसम में कई बार बदलाव होता है, जो काफी असहज होता है.यह बदलाव पर्यटकों की जान भी ले सकता है. इसलिए जब भी आप यहां आए, पूरी तैयारी करके आएं. डॉक्टर की सलाह जरूर लें. खासकर जो हृदय अथवा अस्थमा के रोगी हैं, उन्हें तो डॉक्टर की सलाह के बगैर और बिना टेस्ट के संदकफू जाना ही नहीं चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार जैसे-जैसेजैसे-पहाड़ की ऊंचाई पर जाते हैं, ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जाती है.

कल्पना करिए कि अगर आप 12000 फुट की ऊंचाई पर चले गए तो ऑक्सीजन की मात्रा कितनी कम हो सकती है! बुजुर्ग या रोगी इतनी बड़ी ऊंचाई का दबाव आसानी से झेल नहीं पाते हैं और बीमार हो सकते हैं. डॉक्टरों के अनुसार उन्हें एक्यूट माउंटेन सिकनेस हो सकता है या फिर हाई एल्टीट्यूड पलमोनरी एडिमा का खतरा बढ़ जाता है. जैसा कि पिछले दिनों कोलकाता से आई एक बुजुर्ग महिला के साथ हुआ. उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई और देखते ही देखते उन्होंने दम तोड़ दिया. महिला की उम्र 72 साल बताई जा रही है.

दार्जिलिंग में स॔दकफू एक ऐसी जगह है, जहां संभल कर नहीं जाने से हादसे होने का जोखिम रहता है. क्योंकि यह स्थान हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गिना जाता है, जहां पग पग पर खतरा बना रहता है. पिछले साल इसी मौसम में यहां एक पर्यटक की सांस लेने में दिक्कत के चलते मौत हो गई थी. एक बार फिर से यहां एक हादसा हुआ है. सांस लेने में दिक्कत के चलते एक बुजुर्ग महिला पर्यटक की मौत हो गई. कोलकाता के जादवपुर से यह महिला यहां संदकफू घूमने आयी थी.

मिली जानकारी के अनुसार मृतका अनंदिता गंगोपाध्याय अपनी बहन अजंता बंदोपाध्याय के साथ दार्जिलिंग घूमने आई थी. दार्जिलिंग में कुछ वक्त बिताने के बाद दोनों बहनें तुमलिंग चली गईं. फिर वहां से स॔दकफू का आकर्षण उन्हें खींच लाया. अनिंदिता की काफी इच्छा थी कि क्या पता दोबारा समय मिले या नहीं, जब यहां आ गए हैं तो संदकफू क्यों नहीं जाएं. उन्होंने अजंता को भी इसके लिए तैयार कर लिया और उसके बाद दोनों बहनें किराए की टैक्सी से संदकफू पहुंच गईं. अनिंदिता यहां आने को तो आ गई, परंतु आते के साथ ही उन्हें दिल पर दबाव महसूस हुआ और इसके साथ ही सांस लेने में तकलीफ भी बढ़ गई.

जब सिंगालीला लैंड रोवर संगठन के सदस्यों को इसके बारे में जानकारी हुई तो वे महिला की मदद के लिए आगे आए. क्योंकि आसपास में इलाज की सुविधा नहीं थी. इसलिए संगठन के सदस्य बीमार महिला को गाड़ी में बिठाकर सुखियापोखरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. महिला की दम घुटने से मौत हो गई थी. सुखियापोखरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने भी उन्हें मृत घोषित कर दिया था. आपके साथ ऐसा हादसा ना हो, इसलिए जरूरी है कि यहां आने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करा लें. इस मौसम में तो खासा सावधानी रखने की जरूरत होती है!

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