November 28, 2025
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भारत के हिस्से को नेपाल अपना हिस्सा क्यों मानता है? क्या भारत नेपाल का ‘इलाज’ करेगा?

नेपाल ने एक बार फिर से वही गलती दोहराई है, जो 2020 में उसने की थी. भारत को नेपाल के विवादित नक्शे पर एतराज है. भारत लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधूरा को अपना अंग मानता है. लेकिन नेपाल के नक्शे में यह सभी स्थान समाहित किए गए हैं.

जब 2020 में नेपाल का राष्ट्रीय मानचित्र प्रकाश में आया था, तब भी नेपाल ने इसमें गलती की थी. भारत ने इस पर ऐतराज जताते हुए नेपाल को अपना मानचित्र संशोधित करने को कहा था. लेकिन नेपाल ने ऐसा नहीं किया.उसी समय भारत ने नेपाल को चेतावनी दे दी थी कि अगर भविष्य में इस तरह के कृत किए जाएंगे तो भारत बर्दाश्त नहीं करेगा.

लेकिन नेपाल एक बार फिर से अपनी गलती को दोहरा चुका है. और ऐसा नहीं है कि यह गलती भूल से हुई हो. जानबूझकर की गई गलती है. दरअसल नेपाल ने ₹100 का एक नया नोट जारी किया है. जिस तरह से भारत में रिजर्व बैंक नोट जारी करता है, इसी तरह से नेपाल राष्ट्र बैंक को नोट जारी करने का अधिकार है. नेपाल के केंद्रीय बैंक ने ₹100 के जो नए बैंक नोट जारी किए हैं, उस नोट में नेपाल का विवादित क्षेत्र दिखाया गया है.

जैसे भारत का काला पानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा क्षेत्र है, जो भारत अपना अंग मानता है. ऐसे में सवाल है कि भारत क्या करेगा? क्या नेपाल को सबक सिखाएगा या फिर उसकी गलती को माफ कर देगा? आखिर कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा पर विवाद क्यों है? नेपाल इसे अपने मानचित्र से क्यों नहीं हटाता? वह अपने मानचित्र में भारतीय क्षेत्र को क्यों शामिल कर रहा है? हालांकि अभी तक भारत ने इसे कृत्रिम विस्तार करार देकर मामले को वहीं पर छोड़ दिया है.

पर इस बीच नेपाल राष्ट्र बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह मानचित्र, जिस पर भारत को ऐतराज है, पहले से ही पुराने ₹100 के बैंक नोट में था और इसे सरकार के निर्णय के अनुसार संशोधित किया गया है. नेपाल में विभिन्न मूल्य वर्ग के बैंक नोट जैसे ₹10, ₹50, ₹500 और ₹1000 में केवल ₹100 के बैंक नोट पर नेपाल का मानचित्र है. अन्य में नहीं है.

ऐसे में नेपाल की म॔शा पर संदेह उत्पन्न होता है. वह भी इस स्थिति में जहां भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध है. दोनों देश बरसों से एक दूसरे के मित्र बने रहे हैं और एक दूसरे का सहयोग करते रहे हैं.इस स्थिति में नेपाल का ₹100 का नए नोट जारी करना और उस नोट में भारत का हिस्सा नेपाल के मानचित्र में शामिल करना किसी भी तरह से उचित नहीं है.

आखिर नेपाल राष्ट्र बैंक ने ऐसा क्यों किया? नेपाल सरकार को भी इसका पता लगाना चाहिए और भारत सरकार को भी नेपाल से स्पष्ट उपरोक्त मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए.ताकि भविष्य में इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति ना हो सके. भारत और नेपाल दोनों को ही आपसी सहमति और सहयोग से काम करने की जरूरत है.

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