विज्ञान और तकनीकी के इस युग में क्या-क्या और कितने आश्चर्य होंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता है. जिस तरह से विज्ञान और तकनीकी का विकास दुनिया भर में हो रहा है, उसके बाद यह माना जा रहा है कि 100 साल बाद मनुष्य अमरता प्राप्त कर लेगा. मनुष्य कभी बूढा होगा ही नहीं.
वैज्ञानिकों की धारणा है कि 100 साल बाद मनुष्य ज्यादा लंबा, लचीला और मोटा होने वाला है. एक धारणा यह भी है कि मनुष्य की हड्डियां शार्क जैसी हो जाएंगी. जबकि उसके दांत चोंच की तरह हो जाएंगे. 100 साल बाद मनुष्य मंगल की यात्रा करेगा. इसलिए उसके फेफड़े भी मंगल पर जाने के लिए सक्षम हो जाएंगे.
वैज्ञानिकों की एक धारणा यह भी है कि उस समय तक मनुष्य का दिमाग कंप्यूटर से जुड़ जाएगा. त्वचा लगातार रंग बदलती रहेगी. समय और मौसम के हिसाब से मनुष्य खुद को वातावरण में एडजस्ट कर लेगा. वह गर्मी ज्यादा सहन करेगा. सबसे बड़ी बात उस समय तक जेनेटिक बीमारियां खत्म हो जाएंगी, यह भी दावा किया जा रहा है. यानी 100 साल बाद मनुष्य कभी मरेगा ही नहीं.
पिछले तीन-चार सालों के विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों में कई चौंकाने वाली जानकारियां दी गई है. उदाहरण के लिए Evolution Wired Human Brains to Act Like Supercomputers 2023 में दिमाग के कंप्यूटर जैसे होने की बात कही गई है, तो 2024 की Evolution Biomechanics and Neurobiology Conference to Explain Selective Finger Motor Control के अनुसार हमारी उंगलियां लंबी होंगी और टच स्क्रीन में मदद करेंगी. इस रिपोर्ट में विस्तार से जानकारी दी गई है कि हमारी उंगलियां किस तरह से बढ़ेंगी और कैसे काम करेंगी.
Human health during a space travel state of the art रिव्यू 2023 के अनुसार भविष्य में हमारे फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन खींचने की ताकत बढ़ेगी. The Lungs in Space: A Review of Current Knowledge and Methodology 2024 के अनुसार मानव की कोशिकाएं मॉडिफाई होती जाएंगी जो अंतरिक्ष वातावरण में क्रिया करने में सक्षम हो सकेंगी. 2023 के Scientist Narrow Down Pull Off Potential Height Genes रिपोर्ट में मनुष्य की हाइट के लिए जिम्मेदार जीन की पहचान की गई है. इसके अनुसार 100 साल बाद मनुष्य की लंबाई बढ़ने वाली है. इसी तरह से 2025 की बियोंड हारमोंस रिसर्चर डिफाइन X एंड वाई क्रोमोसोम कंट्रीब्यूशन टू हाइट में Y क्रोमोसोम का संबंध ऊंचाई से जोड़ा गया है. यह काफी फलित होने वाला है.
Mammalian dental diversity: an evolutionary template for regenerative dentistry frontie in Dental Medicine की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में मनुष्य के दांत चोंच जैसे हो सकते हैं. दांतों की बनावट लगातार बदल रही है. इत्यादि विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि भविष्य में मनुष्य की शारीरिक संरचना में बदलाव आ सकता है. लेकिन यह बदलाव सकारात्मक और भविष्य की चुनौतियों को आसान बनाने के लिए होगा.
भले ही हमें इस पर भरोसा नहीं हो रहा हो और भरोसा हो भी क्यों? क्योंकि इस धरती पर आया प्रत्येक जीव नष्ट होता है. विज्ञान ही नहीं, शास्त्रों में भी यह वर्णित है. भगवान श्री राम से लेकर श्री कृष्ण सबने समय पर अपना नश्वर शरीर त्याग दिया. ऐसे में अमरता की बात पर भला कौन भरोसा करेगा! पर अध्ययन बताते हैं कि मनुष्य भले ही अमर ना हो, परंतु उसका शरीर ज्यादा मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल होगा. विभिन्न रिसर्च और सूत्रों के जरिए पता चलता है कि भविष्य में मनुष्य की हड्डियां ज्यादा लचीली और मजबूत होने वाली है.
The Genetic Architecture and Evolution of the Human Skeletal Form के अध्ययन में ए आई से 31000 * Re एनालिसिस कर ह्यूमन स्केलेटल फॉर्म के जीन की पहचान की गई. यह अध्ययन लचीलेपन और इवोल्यूशन को समझाते हैं. जबकि 2025 में जींस दैट सेप बोनस आईडेंटिफाई के अनुसार जीन वेरिएंट से कंधों की चौड़ाई और पैरों की लंबाई प्रभावित होती है. यह फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ा सकती है. मोटापे को लेकर लैंसेट की रिपोर्ट बताती है कि भविष्य में मोटापा एक चुनौती बनने वाली है. इसके अनुसार 2050 तक 4 बिलियन ओवरवेट लोग हो जाएंगे.
यहां यह बता देना आवश्यक है कि यह सभी अध्ययन और शोध की बातें हैं. इसीलिए 100 साल बाद मनुष्य कैसा होगा और वह कितना अमरता प्राप्त करता है, यह दावे के साथ कुछ कहा नहीं जा सकता. क्योंकि पर्यावरण, विज्ञान और तकनीकी लगातार बदल रहे हैं. यह बदलाव कहां तक जाकर रुकेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में व्यवहारिक बातें यह है कि 100 साल बाद भी अनिश्चितता बनी रहेगी.
