बिहार में एनडीए की बंपर जीत ने बंगाल में बीजेपी की जीत का महामंत्र दे दिया है. बंगाल से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं. अगले साल बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने हैं. प्रदेश में एस आई आर चल रहा है. ममता बनर्जी इसके खिलाफ मालदा से लेकर कूचबिहार तक रैलियां कर रही हैं और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ माहौल बना रही हैं.
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी बंगाल में सत्ता से तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए रणनीति बना रही है. इस कार्य में केंद्रीय स्तर के नेता और संगठन से जुड़े मंत्री लग चुके हैं.भूपेंद्र यादव को बंगाल में चुनाव प्रभारी बनाया गया है. जबकि त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव सह प्रभारी बनाए गए हैं. इसके अलावा बंगाल में पहले से ही छह राज्यों के संगठन मंत्री डेरा डाल चुके हैं. पूरे बंगाल को 5 जोन में बांटा गया है और संगठन के कार्य मुख्य रूप से केंद्रीय स्तर के नेता संभाल रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश भाजपा के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है, जिन्हें अपनी रिपोर्ट केंद्र को देनी होती है. उसके लिए बंगाल भाजपा नेताओं को आए दिन दिल्ली भागना पड़ रहा है.
पिछले दिनों बंगाल भाजपा के सांसद दिल्ली गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. जहां प्रधानमंत्री ने बंगाल भाजपा के सांसदों को बंगाल में टीएमसी को उखाड़ फेंकने के लिए कुछ मंत्र दिए. बंगाल भाजपा के सांसदों ने प्रदेश में कानून एव॔ व्यवस्था की खराब स्थिति तथा पार्टी कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. इन सांसदों में राजू बिष्ट, सुकांत मजूमदार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, अलीपुरद्वार के भाजपा सांसद मनोज टीगा तथा अन्य सांसद शामिल थे. सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों को तृणमूल प्रशासन के खिलाफ जनता में माहौल बनाने तथा प्रदेश की बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था से जनता को रूबरू कराने की बात कही है.
बंगाल प्रदेश के भाजपा सांसदों को प्रधानमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव में कमर कसकर तैयार रहने तथा संगठन स्तर पर जनता के दिमाग में यह बात डालने कि भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद ही बंगाल की फिजा बदलेगी और यहां के लोग अमन चैन से रह सकेंगे, का मंत्र दिया है. प्रधानमंत्री ने टीएमसी की गुंडागर्दी को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का भी निर्देश दिया है. भाजपा नेता और सांसदों को यह बताया गया है कि पिछले 15 साल में टीएमसी ने केवल गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं किया है. इस समय प्रदेश में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पर विकास के नाम पर शून्यता को लेकर हमले भी शुरू हो गए हैं.
इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल आने वाले हैं. प्रधानमंत्री के बाद गृह मंत्री अमित शाह भी इसी महीने के आखिर में कोलकाता आ सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर के तीसरे हफ्ते में बंगाल में रैली कर सकते हैं. हालांकि पार्टी की ओर से इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है. पर भीतरखाने से जानकारी मिल रही है कि चुनाव तक केंद्रीय स्तर के भाजपा नेताओं का यहां जमावड़ा हर महीने लगा रहेगा. गृह मंत्री अमित शाह जो बंगाल में भाजपा की जीत की रणनीति बनाएंगे, सूत्र बताते हैं कि वह हर महीने कम से कम दो बार बंगाल का दौरा करेंगे और यहां के नेताओं के साथ मिलकर संगठन और तैयारी की समीक्षा भी करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी माह से रैलियां शुरू हो जाएंगी, जो मार्च अप्रैल यानी चुनाव होने तक जारी रहेंगी. सूत्रों ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बंगाल चुनाव भाजपा लड़ने वाली है. इसलिए प्रधानमंत्री यहां सबसे ज्यादा रैलियां कर सकते हैं. फिलहाल भाजपा संगठन पर जोर दे रही है और संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने के लिए भूपेंद्र यादव और विप्लव देव को दायित्व सौंपा गया है.
किसी तरह की कोई चूक ना रह जाए, भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता तैयारी में जुटे हुए हैं और यहां के सांसदों तथा विधायकों के जरिए अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे हैं.भाजपा सांसदों के बाद केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश के शीर्ष स्तर के भाजपा नेताओं को भी दिल्ली बुलाने वाला है. सूत्रों ने बताया कि शुभेंदु अधिकारी और दूसरे वरिष्ठ नेता शीघ्र ही दिल्ली जा सकते हैं, जहां उन्हें टीएमसी पर हमले की भावी रणनीति बताई जाएगी इस तरह से कहा जा सकता है कि बंगाल चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश से लेकर केंद्रीय स्तर के नेता पसीना बहा रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि भाजपा की मेहनत कितना रंग ला पाती है.
