December 10, 2025
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कूचबिहार में विशाल जनसभा! चुनौतियों से घिरीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सफर आसान नहीं!

राज्य में एसआईआर के मुद्दे से लड़ रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष एक से बढ़कर एक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. भाजपा तो उन पर हमलावर है ही. उनकी पार्टी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर उनके गले की फांस बन चुके हैं. उन्होंने बाबरी मस्जिद का शिलान्यास कर ममता बनर्जी को सीधी चुनौती दी है. हुमायूं कबीर उनके मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में जुटे हैं. वह नई पार्टी बनाकर 135 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.

अब वंदे मातरम् का मुद्दा भी उनके लिए आगे कुआं पीछे खाई की तरह हो गया है. मुख्यमंत्री चाहे समर्थन करने का फैसला करें या विरोध करने का, यह मुद्दा उनके लिए आपदा जैसा है और बीजेपी के लिए एक बेहतर अवसर बना है. सांसदों को जय हिंद और वंदे मातरम का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत पर ममता बनर्जी का गुस्सा सामने आ चुका है. उन्होंने कहा है कि हम बोलेंगे क्यों नहीं, यह हमारा राष्ट्रीय गीत है. आजादी का नारा है. जय हिंद नेता जी का नारा है. वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी थे. यह मुद्दा संसद में गूंज रहा है और इसका राजनीतिकरण भी उतनी ही तेजी से हो रहा है.

इस तरह से कई चुनौतियों से घिरीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल कूचबिहार के ऐतिहासिक रासमेला मैदान में जनसभा कर रही हैं. उनका कूचबिहार दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बदले राजनीतिक हालात में मुख्यमंत्री जनता से क्या कहना चाहती हैं, उत्तर बंगाल के लोग यह सुनना चाहते हैं. उनकी सहमति के बगैर मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखे जाने के बाद भाजपा की ओर से उन पर लगातार हमले हो रहे हैं. उधर तृणमूल से निलंबित बागी तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने अब ममता बनर्जी को चैलेंज किया है कि उनके मुस्लिम वोट बैंक पर अब उनका अधिकार हो जाएगा!

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 9 दिसंबर को रासमेला मैदान में जनसभा करने वाली हैं.सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री वंदे मातरम पर भी अपना पक्ष स्पष्ट कर सकती हैं. मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखे जाने के बाद उत्तर बंगाल में मुख्यमंत्री का पहला दौरा है. इसलिए जानकार मानते हैं कि ममता बनर्जी हुमायूं कबीर और बाबरी मस्जिद को लेकर भी कुछ बड़ी बातें कह सकती हैं. हुमायूं कबीर अपनी अलग पार्टी बनाने जा रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि असदुद्दीन ओवैसी के साथ चुनावी गठबंधन करेंगे.

इस तरह से उनका संयुक्त मोर्चा अगले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी का खेल बिगाड़ सकता है. लेकिन ममता बनर्जी के लिए यह कितनी बड़ी चुनौती है, संभावना जताई जा रही है कि कूचबिहार के रासमेला मैदान में इस पर भी वह कुछ प्रकाश डाल सकती हैं. हुमायूं कबीर बेशक ममता बनर्जी के लिए गले की फांस बन चुके हैं और उनके मुस्लिम वोट बैंक पर अधिकार जमाने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, परंतु पिछले 14 सालों से ममता बनर्जी का साथ देने वाले मुस्लिम क्या ममता बनर्जी का साथ छोड़ देंगे और हुमायूं कबीर का समर्थन करेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है.

उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूचबिहार की जनसभा में इन सभी मुद्दों पर रोशनी डाल सकती हैं. वैसे उनकी जनसभा के लिए रासमेला मैदान पूरी तरह सज कर तैयार है!

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