पुलिस महकमे में यातायात के नियमों की व्याख्या की गई है. ट्रैफिक नियमों में दुर्घटना से बचाव के उपाय, गाड़ी की गति, यू टर्न, सिंगल वे, डबल वे, रूट , मार्ग पर चलने, पैदल यात्री, वाहन आदि से जुड़े विभिन्न नियमों की व्याख्या की गई है. अगर इन सभी नियमों का सही तरीके से पालन हो तो ना तो सड़क दुर्घटना होगी और ना ही ट्रैफिक जाम होगा.
सिलीगुड़ी में पिछले कुछ दिनों से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं. हाल ही में एक पर एक दो लोगों (एक स्त्री और एक बच्चा) की सड़क दुर्घटना में मौत ने यह इशारा किया है कि सिलीगुड़ी प्रशासन ट्रैफिक नियमों के पालन में कोताही बरत रहा है. अगर आप सड़क पर चलते हैं तो आप भी यह महसूस कर सकते हैं कि प्रशासन का ध्यान इस ओर है ही नहीं.
सिलीगुड़ी के प्रमुख मार्गों के प्रमुख सिग्नल पॉइंट पर ट्रैफिक के लोगों की मौजूदगी से क्या सड़क दुर्घटनाएं रुक जाएंगी? बेशक ट्रैफिक जाम का निवारण हो सकता है. लेकिन इससे सड़क दुर्घटनाएं कम नहीं होंगी. सड़क दुर्घटनाओं में कमी और सुव्यवस्थित वाहन परिचालन के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है. यह वाहन चालक और पैदल दोनों के लिए आवश्यक है.
आप ऑफिस में काम करते हों या कहीं भी, सड़क पर निकल कर देखिए. वाहन चालक हमेशा ही शॉर्टकट अपनाते हैं और यू टर्न के नियमों का कभी भी पालन नहीं करते हैं. दूसरी ओर सेवक रोड पर कार, टैक्सी सड़क पर ही खड़ी रहती है. उन्हें किनारे लगाने की आवश्यकता नहीं समझी जाती. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस कभी भी इस तरफ ध्यान नहीं देती है.
अमीरजादे सड़क पर ही गाड़ी लगाकर शॉपिंग करने अथवा रेस्टोरेंट में खाना खाने चले जाते हैं. क्योंकि उन्हें कभी टोका ही नहीं गया. ऐसे में पहले से ही संकीर्ण सड़क और संकीर्ण हो जाती है, जिससे गाड़ियों के परिचालन में बाधा उत्पन्न होती है. ऐसे में दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
यह दृश्य सिलीगुड़ी के प्रमुख मार्गो जैसे सेवक रोड, हिल कार्ट रोड आदि पर देख सकते हैं. शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, होटल, बार आदि के सामने यह नजारा आम बात है. सेवक रोड पर इनकी संख्या अधिक है. शाम के समय जब भीड़भाड़ बढ़ जाती है, तब चेक पोस्ट से पानी टंकी मोड़ तक सेवक रोड पर अस्त व्यस्त ट्रैफिक आप देख सकते हैं. वाहन चालक तो कभी गति के नियमों की परवाह ही नहीं करते. जहां रोड फाका दिखा, गाड़ी की रफ्तार बढ़ा देते हैं. सड़क पार करते समय अगर अचानक कोई सामने आया तो दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है.
सेवक रोड पर लोग कहीं से भी सड़क पार कर जाते हैं. जबकि नियमों के अनुसार डबल वे के बीच में बैरियर होना चाहिए, ताकि पैदल व्यक्ति निर्धारित जगह से ही सड़क पार कर सके. हिल कार्ट रोड में जरूर यह व्यवस्था है. लेकिन पार्किंग के नाम पर वहां भी गाड़ियों को सड़क पर ही लगा दिया जाता है.यात्री वाहन ट्रैफिक नियमों का तो खुलेआम उल्लंघन करते हैं. क्योंकि उनके लिए सिलीगुड़ी प्रशासन ने stop ही निर्धारित नहीं किया है. कुछ जगहों पर है भी तो यात्री वाहन नियमों का पालन नहीं करते हैं.
साधारण से लेकर अमीरजादे ट्रैफिक नियमों के पालन में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, तो दूसरी तरफ यात्री वाहनों का भी यही हाल है. ट्रैफिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन करने में सबसे ज्यादा टोटो वाले बदनाम हैं. क्योंकि ये कहीं भी गाड़ी रोक कर यात्री उठा लेते हैं. टोटो को साइड करना भी वे जरूरी नहीं समझते हैं. इससे पीछे आने वाली गाड़ियों को भी रुकना पड़ता है. हॉर्न पर हार्न बजाते रहते हैं. लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.
आजकल वाहन चालक मोबाइल पर बात करते हुए सिग्नल पार कर जाते हैं. ट्रैफिक पुलिस के लोग भी देखते हैं. लेकिन वह भी कुछ नहीं करते. जबकि यह ट्रैफिक नियमों के प्रतिकूल है. इसी तरह से बाइक चालक या स्कूटर चालक यू टर्न के लिए हमेशा अपनी गाड़ी को रॉन्ग साइड में रखते हैं. उन्हें लगता है कि यू टर्न के लिए अपनी बाइक को दूर ले जाकर मोड़ेंगे तो बेकार तेल जलेगा. इसलिए वे पहले गलत दिशा में जाकर फिर अपनी गाड़ी को सीधा करते हैं.
केवल दोपहिया वाहन ही नहीं, बल्कि टोटो और टैक्सी वाले भी ऐसा ही करते हैं. लेकिन ट्रैफिक पुलिस कभी भी इस पर टोका टोकी नहीं करती है. इस तरह की और भी कई छोटी बड़ी परिचालक परिवहन त्रुटियां देख सकते हैं. लेकिन ट्रैफिक पुलिस को यह सब दिखाई नहीं देता है. अगर दिखाई देता भी है तो उनका ध्यान इस बात पर लगा होता है कि किसी भी तरह से सड़क जाम न हो सके. ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में कमी की बात एक दिवा स्वप्न की तरह ही है. जब तक ट्रैफिक अधिकारी ट्रैफिक नियमों के सख्ती से पालन पर जोर नहीं देंगे, तब तक सिलीगुड़ी में जो हो रहा है, वह आगे भी होता रहेगा!
