ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी, समतल और पहाड़ के टैक्सी चालकों के बीच मसले का समाधान निकलने वाला नहीं है. समतल के टैक्सी चालकों की यूनियन ने जिस विश्वास और भरोसे के साथ सिलीगुड़ी के एसडीओ से इंसाफ की गुहार की थी, अब उस दिशा में उनकी उम्मीद टूटती जा रही है. समतल के टैक्सी चालक इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहे हैं. प्रशासन भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.
पहाड़ में पहाड़ के कुछ चालकों की मनमानी बदस्तूर जारी है. जीटीए प्रशासन भी कुछ सकारात्मक प्रयास करने में असहाय रहा है. कुछ चालकों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि उन्होंने समतल के टैक्सी चालकों की आर्थिक कमर तोड़ दी है. कुछ जटिलताओं के कारण टाइगर हिल का रास्ता बंद कर दिया है. पिछले कुछ दिनों से समतल के टैक्सी चालक टाइगर हिल नहीं जा पा रहे हैं. पर्यटक भी उनसे दूर होते जा रहे हैं.
पर्यटक मौसम शुरू हो चुका है. 2 दिन बाद क्रिसमस डे है. क्रिसमस के मौके पर दूर-दूर से पर्यटक सिलीगुड़ी आते हैं, जो दार्जिलिंग जाना चाहते हैं. दार्जिलिंग में कई पर्यटक स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र हैं. इनमें टाइगर हिल भी एक है. समतल के टैक्सी चालक टाइगर हिल जाने वाले पर्यटकों को टाइगर हिल नहीं ले जा पा रहे हैं. इसका सीधा असर उनकी रोजी-रोटी पर पड़ रहा है.
ऐसा नहीं है कि पहाड़ के टैक्सी चालक मजे में है. उन्हें भी जीटीए प्रशासन से काफी शिकायत है. टाइगर हिल में गाड़ियों की एंट्री फीस लगाए जाने के बाद पहाड़ के टैक्सी चालकों ने आंदोलन छेड़ दिया है. उन्होंने भी टाइगर हिल से दूरी बना ली है. ऐसे में यह एक नई समस्या आ खड़ी हुई है. पहाड़ के टैक्सी चालक जीटीए प्रशासन से ना उम्मीद होकर जैसे कानून को अपने हाथ में लेना चाहते हैं.
सिलीगुड़ी और GTA प्रशासन समतल और पहाड़ के टैक्सी चालकों का विवाद सुलझाने में असहाय लग रहा है. आपसी विवाद सुलझाने के लिए दार्जिलिंग हिल व तराई क्षेत्र के परिवहन संगठनों के बीच 20 दिसंबर को कम्युनिटी हॉल में एक टेबल टॉक बैठक भी आयोजित हुई थी. इस बैठक में 10 परिवहन संघ व ट्रेड यूनियनों ने भाग लिया था. लेकिन इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला. जिला प्रशासन भी इस विवाद को सुलझाने के लिए ईमानदारी से कोई प्रयास नहीं कर रहा है. यही कारण है कि समतल और पहाड़ के टैक्सी चालकों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
पिछली बार समतल ड्राइवर यूनियन ने एसडीओ को ज्ञापन दिया था तब एसडीओ की तरफ से उन्हें भरोसा दिया गया था कि बहुत जल्द उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और प्रशासनिक हस्तक्षेप से मामले को सुलझा लिया जाएगा. समतल के टैक्सी चालकों को भी उम्मीद ही नहीं, भरोसा भी बढा था कि उनकी रोजी-रोटी का संकट दूर हो जाएगा. मगर ऐसा नहीं हो सका. कुछ दिन इंतजार करने के बाद आज एक बार फिर जॉइंट फोरम की सिलीगुड़ी में एक बैठक हुई.
इसमें दार्जिलिंग तराई जॉइंट फोरम ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इसके अनुसार कल से पहाड़ के टैक्सी चालक सिलीगुड़ी, एनजेपी, बागडोगरा और समतल के किसी भी भाग से सवारी नहीं उठा सकेंगे. जॉइंट फोरम ने फैसला लिया है कि पहाड़ के टैक्सी चालक सिलीगुड़ी, बागडोगरा, एनजेपी अथवा Dooars आदि क्षेत्रों में स्थित होटलों से सवारी नहीं उठाएंगे और उन्हें ऐसा करने से रोका जाएगा. इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है. दार्जिलिंग तराई जॉइंट फोरम ने हालांकि आखिरी बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपा है. फोरम के लोगों ने आखिरी उम्मीद के साथ एसडीओ को ज्ञापन दिया है और उन्हें 24 घंटे की मोहलत दी है.
अगर फिर भी कुछ नहीं हुआ तो अगले दिन से फोरम टैक्सी चालक आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा है कि वे सिलीगुड़ी से पर्यटकों को दार्जिलिंग ले जाएंगे. लेकिन अगर वहां के चालकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया अथवा उन्हें पहाड़ में घुसने से रोका गया तो वे पहाड़ के टैक्सी चालकों को सिलीगुड़ी से पर्यटकों को उठाने नहीं देंगे. चालकों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.
आज समतल तथा जॉइंट फोरम के टैक्सी चालकों ने प्रशासन को सीधे चेतावनी दी है और भविष्य में अपने आंदोलन की रूपरेखा को भी स्पष्ट कर दिया है. इस बार वे करो या मरो की तरह ही आंदोलन करना चाहते हैं. इसलिए प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है. अब देखना होगा कि प्रशासन का अगला कदम क्या होता है. अगर हर बार की तरह प्रशासन उनके विवाद को सुलझाने में असमर्थ रहा तो हो सकता है कि सिलीगुड़ी और पहाड़ के बीच यात्री टैक्सी सेवा ठप पड़ सकती है. इससे पर्यटक मौसम में पर्यटकों को तकलीफ उठानी पड़ सकती है. इसके साथ ही इसका सीधा असर समतल और पहाड़ के टैक्सी चालकों की जेब पर पड़ने वाला है.

