कलयुग चरम पर पहुंच चुका है. हर साल कलयुग के नए-नए रंग देखने को मिलते हैं. यह लगातार विकृत हो रहा है. अपराध, अनाचार, दुष्कर्म, व्यक्तिवाद, टूटते रिश्ते, मानवता और सहिष्णुता का लोप, दिखावा, टूटती दया और सहानुभूति… एक शब्द में कहें तो चारों तरफ अंधेरा और नकारात्मकता. लोगों का अनुभव है कि पिछले साल में जो होता है, नए साल में उससे भी ज्यादा होता है. 2026 में जो होने वाला है, उसकी झलक 2025 में ही दिख जाती है.
अभी तक तो आपने यही सुना था कि पति की नशे की आदत से पत्नियां परेशान रहती हैं. आमतौर पर नशेबाज पति घर में लड़ाई झगड़ा करता है. पत्नी पर हाथ उठाता है. पर क्या आपने यह सुना है कि पत्नी दारू पीकर पति को ही कुल्हाड़ी से काट डालती है. यह घटना बताती है कि जमाना किस कदर बदल रहा है. टेलीविजन और समाचार पत्रों में कानपुर के बिठूर की घटना सुर्खियों में है. जहां पत्नी दारू पीकर देर शाम घर लौटती है. पति और बच्चे उसका इंतजार कर रहे होते हैं. गुस्से में पति कुछ बोलता है. इस पर दारू के नशे में अंधी पत्नी उसे मौत के घाट उतार देती है.
पति को परमेश्वर मानने वाली पत्नी का यह सच काफी हैरान करता है. यह सच है कि पत्नियों के लिए पति अब परमेश्वर नहीं रहा. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पति पराया भी हो गया. पति का गुनाह सिर्फ इतना होता है कि वह पत्नी से कहता है कि इतनी दारू पीकर आई हो. खाना कौन बनाएगा? और इसी बात पर दारूबाज पत्नी कुल्हाड़ी से पति को काट डालती है. पुलिस ने कातिल पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है और उसका जुर्म भी कबूलवा लिया है.
लेकिन इसी भारत में और खासकर बंगाल में एक पति ऐसा भी है जो अपनी पत्नी को बाघ से बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए बाघ से ही भिड़ जाता है और अपनी पत्नी को बाघ के मुंह में जाने से बचा लेता है. यह घटना दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन की है. पत्नी का नाम संकरी नायक है. जानकारी के मुताबिक 6 लोगों का एक समूह केकड़ा पकडने के लिए एक छोटी नौका में सवार होकर सुंदरबन के कलश द्वीप पर गया था.
कलश द्वीप के पास एक नदी में केकरा पकडते समय अचानक एक बाघ ने संकरी नायक पर हमला कर लिया. उसे खींच कर जंगल की ओर ले जाने लगा. यह देखकर उसका पति अपनी जान की परवाह किए बगैर बाघ से भिड़ गया. वह काफी देर तक बाघ से गुतथम गुत्था होता रहा. बाद में उसके अन्य साथी मदद के लिए आगे आए. सभी ने राड, डंडे आदि से हमला कर बाघ को जंगल में खदेड़ दिया. 2026 साल में सब कुछ बुरा होगा, ऐसा नहीं है. क्योंकि 2025 में कुछ अच्छा भी हुआ है. विशेषज्ञ मानते हैं कि 2026 साल भी खट्टा मीठा रहने वाला है. यही जीवन का सत्य है. 2026 साल का सत्य ही यही है कि एकतरफा कुछ नहीं होता.
