हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश के कुछ बड़बोले नेताओं के द्वारा भारत के सेवेन सिस्टर्स तथा सिलीगुड़ी गलियारे को लेकर दी गई धमकी के बाद भारत और खासकर बंगाल ने बांग्लादेश को उसकी औकात दिखानी शुरू कर दी है. बंगाल ने साबित किया है कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के नाम पर वह कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है. यहां के हिंदू संगठन से लेकर व्यापारिक संगठन अब जाग गए हैं और बांग्लादेश तथा बांग्लादेशी नागरिकों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है.
पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को मारा पीटा और प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है. पिछले दो दिनों के अंदर दो हिंदुओं की पीट पीट कर हत्या कर दी गई है. दीपू चंद्र दास की जघन्य हत्या के बाद देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. भारत के धार्मिक, सामाजिक तथा सनातनी संगठनों ने बांग्लादेश को चेताया है कि उसे भुगतना होगा. लेकिन बांग्लादेश सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.
बांग्लादेश के कुछ कट्टरपंथी नेताओं ने अब भारत से उसके पूर्वोत्तर भाग को अलग करने की धमकी दी है. इसके साथ ही सिलीगुड़ी गलियारे को अशांत करने की चेतावनी भी दी है. हालांकि केंद्र सरकार ने बांग्लादेश को माकूल जवाब दे दिया है और अब बीएसएफ से लेकर बंगाल के नागरिक संगठन अपने स्तर पर बांग्लादेश को सबक सिखाने पर उतर गए हैं. भारत ने तो पहले ही बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है. परंतु जो पुराने वीजाधारी हैं, उन्हें भी बंगाल में अब शरण नहीं मिलेगी.
ऐसे लोग जो सिलीगुड़ी गलियारा के रास्ते बंगाल और देश के अन्य भागों में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें कम से कम बंगाल में रात गुजारने के लिए जगह नहीं मिलेगी. सिलीगुड़ी से लेकर मालदा तक के होटल वाले इस पर एक मत दिख रहे हैं. पहले मालदा में बांग्लादेशियों के लिए होटल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा और अब सिलीगुड़ी में भी किसी भी बांग्लादेशी को होटल में जगह नहीं मिलेगी. ग्रेटर सिलीगुड़ी होटलियर वेलफेयर एसोसिएशन ने आज यह फैसला किया है.
सिलीगुड़ी कॉरिडोर के रास्ते हर साल लगभग 25 से 30 हजार बांग्लादेशी नागरिक पढ़ाई, पर्यटन और इलाज के लिए सिलीगुड़ी आते हैं. वे सिलीगुड़ी से कोलकाता, दिल्ली अथवा देश के दूसरे शहरों में जाते हैं. ग्रेटर सिलीगुड़ी होटलियर वेलफेयर एसोसिएशन ने फैसला किया है कि ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों को सिलीगुड़ी में किसी भी होटल में रहने की जगह नहीं दी जाएगी. भले ही उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़े, परंतु देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर वे कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं.
सिलीगुड़ी के होटल व्यवसाईयों का कहना है कि बांग्लादेश में एक सोची समझी साजिश के तहत हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में बांग्लादेशियों का विरोध ना करें तो हमें शर्मिंदगी होगी. व्यवसाईयों का कहना है कि कोई भी व्यापार राष्ट्र और राष्ट्रीय एकता से बड़ा नहीं है. उधर मालदा होटल ओनर्स एसोसिएशन ने कहा है कि मेडिकल वीजा अथवा छात्र वीजा लेकर आने वाले बांग्लादेशियों को यहां के होटल में पहले जगह दी जाती थी. लेकिन वर्तमान स्थिति में इसे पूरी तरह बंद किया जा रहा है.
मालदा होटल ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्णनेंदु चौधरी ने कहा है कि चूंकि पासपोर्ट वीजा जारी नहीं हो रहा है. इसलिए हमने बांग्लादेशियों को होटल में कमरा देना बंद कर दिया है. हम बांग्लादेश की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं. इसके साथ ही भारत को मिली धमकी के बाद भारत बांग्लादेश सीमा और सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. खासकर तीन बीघा कॉरिडोर पर बीएसएफ ने अलर्ट घोषित कर दिया है और सीमा की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में जवानों को मुस्तैद किया गया है.
इमीग्रेशन चेक पोस्ट पर पासपोर्ट धारक यात्रियों का आवागमन होता है. जबकि सिलीगुड़ी गलियारा बांग्लादेशी एंक्लेव के लिए महत्वपूर्ण है. उत्तर बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जवानों की संख्या सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए बढ़ा दी गई है. इसके अलावा खुफिया नेटवर्क सक्रिय हो गए हैं. घने कोहरे और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद घुसपैठ को रोकने के लिए ड्रोन, नाइट विजन डिवाइस और अतिरिक्त पेट्रोलिंग की जा रही है.
