आज सिलीगुड़ी के एसडीओ ऑफिस में ऐसे लोगों की भीड़ देखी गई, जिनका नाम मतदाता ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं किया गया है. ऐसे लोग मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए केंद्र में पहुंचे. उनकी मदद के लिए एसडीओ ऑफिस के बाहर विभिन्न राजनीतिक दलों के हेल्प डेस्क लगे थे. इनमें टीएमसी और बीजेपी के बूथ ज्यादा एक्टिव नजर आए.
वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने आए मतदाताओं को दोनों ही पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता सहयोग कर रहे थे. भाजपा संचालित बूथ में सिलीगुड़ी के विधायक डॉक्टर शंकर घोष लोगों को परामर्श दे रहे थे और उन्हें किसी तरह के डर या भया या घबराहट से दूर रहने की सलाह दे रहे थे. शंकर घोष ने कहा कि यह एक सामान्य वैधानिक प्रक्रिया है और सभी को इससे गुजरना पड़ता है.
उधर टीएमसी संचालित बूथ में दार्जिलिंग जिला समतल की प्रेसिडेंट पापिया घोष ने SIR की समय अवधि पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो काम दो ढाई साल में होना चाहिए, उसे दो महीने में पूरा किया जा रहा है. ऐसे में लोग परेशान तो होंगे ही.वे अपना काम धाम छोड़कर लाइन में लग रहे हैं. उन्हें जानबूझकर परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है.
आज सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में एस आई आर की हियरिंग शुरू हुई. चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 32 लाख लोग चुनाव आयोग के विभिन्न केन्द्रों में मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. पूरे राज्य में 3000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए हैं, जहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है. इन हियरिंग केन्द्रों में 4500 से भी ज्यादा माइक्रो आब्जर्वर कार्य कर रहे हैं. चुनाव आयोग के अधिकारी बूथ पर विशेष निगरानी रख रहे हैं. बूथ के अंदर उन्हीं लोगों को आने की अनुमति है, जिन्हें चुनाव आयोग ने पहले से ही अनुमति दे दी है. केवल बीएलओ ही बूथ में जा सकते हैं.
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करना है उनके पास 12 मान्यता प्राप्त दस्तावेजों में से कम से कम एक दस्तावेज जरूर होना चाहिए. आधार कार्ड को चुनाव आयोग ने मान्यता तो दे दी है, लेकिन आधार कार्ड के साथ-साथ एक और प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. तभी व्यक्ति का नाम राज्य मतदाता सूची में जुड़ सकता है.
चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में लोगों से भी वास्तविक दस्तावेज के साथ अपना दावा प्रस्तुत करने की अपेक्षा रखता है. नाम जुड़वाने की प्रक्रिया बिहार एस आई आर पर आधारित होगी, यह चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है.
