November 13, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

थोड़ी खुशी थोड़ा गम! सिलीगुड़ी में अपार्टमेंट में रहने वाले हो जाएं सावधान!

सिलीगुड़ी के एक अपार्टमेंट में रहने वाले राम यादव ने अपने फ्लैट में ही एक छोटा सा कारखाना खोल रखा था. हालांकि उन्होंने भरसक प्रयास किया था कि उनकी फैक्ट्री की वजह से अपार्टमेंट में रहने वाले दूसरे फ्लैट मालिकों को कोई असुविधा नहीं हो. खासकर उनके बराबर में रहने वाले उनकी फैक्ट्री की वजह से परेशान ना हो. परंतु कभी पार्किंग तो कभी बिजली पानी या अन्य समस्याओं को लेकर अपार्टमेंट के लोगों को परेशानी होती रहती थी. इसको लेकर अपार्टमेंट संगठन कई बार राम यादव को समझा भी चुका था. इसलिए राम यादव का भरसक प्रयास रहता था कि वह अपना काम बिना पड़ोसी को बाधा पहुंचाए ठीक से कर सकें.

लेकिन इसके बावजूद किसी न किसी बात को लेकर अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के साथ उनकी तू तू मैं मैं हो ही जाती थी. बात संगठन तक पहुंचती थी. अपार्टमेंट एसोसिएशन के लोग आते और उन्हें चेता कर चले जाते. लेकिन पार्किंग का अधिक से अधिक व्यवहार करने के मुद्दे पर अपार्टमेंट के लोगों ने फिर विवाद शुरू कर दिया. विवाद बढ़ने के बाद राम यादव ने अपार्टमेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को मेंटेनेंस चार्ज देना बंद कर दिया. यह मामला कई महीनो तक चलता रहा.जब भी अपार्टमेंट संगठन के लोग उनसे मेंटेनेंस चार्ज मांगने जाते, राम यादव किसी न किसी बहाने से उसे टाल दिया करते थे. कभी काम नहीं चलने का बहाना तो कभी किसी और बहाने से वह लगातार पिछले कई महीनो से मेंटेनेंस चार्ज नहीं दे रहे थे.

अपार्टमेंट एसोसिएशन एक्ट सेक्शन 21 में इस बात का उल्लेख है कि फ्लैट मालिक को हर हाल में अपार्टमेंट एसोसिएशन को मेंटेनेंस चार्ज देना ही होगा. अगर फ्लैट मालिक ऐसा नहीं करता है तो समुचित कारण बताकर उसका बिजली पानी काटने का एसोसिएशन को पूरा अधिकार है. अपार्टमेंट एसोसिएशन राम यादव द्वारा मेंटेनेंस चार्ज नहीं देने के बाद उन पर कानूनी कार्रवाई का विचार कर रहा है. सिलीगुड़ी में ऐसे अनेक फ्लैट मालिक हैं जो अपार्टमेंट में निवास करते हैं. वे पार्किंग का भी व्यवहार करते हैं. इसके अलावा बिजली पानी सभी बुनियादी सुविधाओं का उपभोग करते हैं, जो अपार्टमेंट संगठन के द्वारा फ्लैट मालिकों को उपलब्ध कराया जाता है. वह सभी हासिल करते हैं. लेकिन जब मेंटेनेंस चार्ज देने की बारी आती है तो उनके बहाने शुरू हो जाते हैं.

ऐसे लोगों के दिमाग में यही बात रहती है कि फ्लैट के मालिक वह खुद हैं. उन्हें भला फ्लैट से कौन बाहर कर सकता है. मेंटेनेंस चार्ज दें या नहीं दें, वे उसका उपभोग तो करते ही रहेंगे. पर ऐसे लोगों को तेलंगाना हाई कोर्ट का आदेश आईना दिखाता है और उनके साथ सहानुभूति रखने के पक्ष में नहीं है. जो लोग यह समझते हैं कि बिजली पानी प्राप्त करना उनका मौलिक अधिकार है और इसे कोई भी छीन नहीं सकता. ऐसे लोगों को तेलंगाना हाई कोर्ट की बेंच के आदेश का जरूर अवलोकन करना चाहिए जो इस बात पर बल देता है कि फ्लैट मालिकों को नियमित रूप से मेंटेनेंस चार्ज अपार्टमेंट एसोसिएशन को देना ही होगा. अन्यथा वे फ्लैट में नहीं रह सकते हैं.

तेलंगाना हाई कोर्ट ने कुछ ऐसे ही मामले में अपार्टमेंट एसोसिएशन एक्ट सेक्शन 21 का समर्थन किया है. बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि अगर आप मेंटेनेंस चार्ज नहीं देंगे तो आपको फ्लैट में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. दरअसल यह सारा मामला वहां के एक अपार्टमेंट में बिना मेंटेनेंस चार्ज दिए रह रहे एक व्यापारी, फ्लैट ओनर और फैक्ट्री मालिक के द्वारा अपार्टमेंट एसोसिएशन के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे से संबंधित है. अपार्टमेंट एसोसिएशन ने फ्लैट मालिक श्रीनिवासन द्वारा मेंटेनेंस चार्ज नहीं दिए जाने से उनके घर का बिजली पानी का कनेक्शन काट दिया है. इसके बाद ही श्रीनिवासन ने अदालत का रुख किया.

हालांकि बेंच के समक्ष उनके वकील ने अपार्टमेंट एसोसिएशन के इस कदम को मौलिक अधिकार का हनन बताया. लेकिन इसके बावजूद बेंच ने अपार्टमेंट एसोसिएशन एक्ट सेक्शन 21 का समर्थन करते हुए अपने आदेश में कहा कि अगर मेंटेनेंस चार्ज नियमित रूप से नहीं दे सकते हैं तो आपको फ्लैट में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने यह भी माना है कि बिना किसी उचित कारण के फ्लैट मालिक के मौलिक अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए. पहले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है. कुल मिलाकर कोर्ट का ऑर्डर अपार्टमेंट एसोसिएशन के बने कानून का समर्थन करता है.

दक्षिण भारत तेलंगाना और तमिलनाडु में कोर्ट के इस आदेश के बाद पूरे देश में अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों पर इसका असर पड़ना तय है, जो मेंटेनेंस चार्ज नहीं देने के बहाने बनाते रहते हैं. सिलीगुड़ी में ऐसे लोग जो नियमित रूप से अपार्टमेंट एसोसिएशन को मेंटेनेंस चार्ज नहीं देते हैं, उन्हें भी तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश को चेतावनी के रूप में लेना चाहिए. आखिर अपार्टमेंट एसोसिएशन को फंड नहीं मिलेगा तो वह बुनियादी सुविधाएं फ्लैट मालिकों तक कैसे पहुंचा सकता है. हाई कोर्ट की बेंच भी यह मानती है. बहरहाल इस फैसले के बाद यह देखना होगा कि सिलीगुड़ी में अपार्टमेंट में रहने वाले फ्लैट मालिक मेंटेनेंस चार्ज भुगतान को कितनी गंभीरता से लेते हैं!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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