यह कैसी विडंबना है कि एक तरफ पूरा बंगाल कोलकाता के आरजीकर कांड के विरोध में खड़ा हुआ है और विभिन्न संगठनों के द्वारा महिला सुरक्षा की मांग की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है. कोलकाता अथवा बंगाल के दूसरे शहरों की बात छोड़िए, सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की कई घटनाएं घट चुकी है. ताजा मामला वानर हाट में दुष्कर्म की दो बड़ी घटनाओं से जुड़ा हुआ है. एक बार फिर से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर सवालिया निशान लग गया है. सवाल यह भी है कि आखिर दुष्कर्मियों में कानून एवं पुलिस का भय क्यों नहीं है?
इन दिनों वानरहाट यौन शोषण की दो बड़ी घटनाओं से सुर्खियों में है. यहां दो अलग-अलग मामलों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है. न केवल दुष्कर्म हुआ है, बल्कि दुष्कर्मी बेखौफ निकला और उसने पीड़िता को गर्भवती बना दिया. यह मामला सुर्खियों में आने के बाद वानर हाट में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर चारों तरफ से आवाज बुलंद होने लगी है. बानरहाट की रहने वाली एक मूक बधिर दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म किया गया है. घर में पीड़िता की स्थिति देखकर घर वालों को संदेह हुआ.वे पीड़िता को लेकर एक डॉक्टर के पास गए, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद न केवल दुष्कर्म की पुष्टि की, बल्कि यह भी बताया कि पीड़िता 4 महीने से गर्भवती है.
बानरहाट पुलिस ने यह मामला थाने में दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है. दिव्यांग पीड़िता ने इशारे से दुष्कर्मी का नाम बता दिया है. पुलिस संदिग्ध आरोपी की तलाश में जुट गई है. दो-तीन दिन पहले ही दुष्कर्म की एक और घटना घटी थी, जिसमें आरोप था कि वानरहाट धर्मशाला का केयरटेकर एक 17 वर्षीय युवती को बहला फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और जब पीड़िता 3 महीने की गर्भवती हो गई तो यह मामला प्रकाश में आया था. एक पर एक दुष्कर्म की इन दो बड़ी घटनाओं ने बानरहाट इलाके में सनसनी फैला दी है.
इलाके में आरजीकर की तरह ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है. पीड़िताओं के लिए न्याय की मांग की जा रही है और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी तथा उनकी सजा की मांग को लेकर प्रदर्शन परिवार और समाज की तरफ से हो रहा है. लोक चकित हैं और चर्चा कर रहे हैं कि अभी कोलकाता का आरजीकर कांड शांत भी नहीं हुआ कि ऐसी घटनाएं फिर से सुर्खियों में छा गई है.
आपको बताते चलें कि कोलकाता के आरजीकर कांड का मामला सुर्खियों में है. पूरे प्रदेश में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से प्रदर्शन चल रहा है. रोज एक नई बात सामने आ रही है. सीबीआई अपना काम कर रही है. कल तक इस मामले के मुख्य आरोपी संजय राय द्वारा यह कहा जा रहा था कि उसने ही महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया था और उसकी हत्या की थी.अब पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद वह यह कहने लगा है कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचा था, तब तक महिला डॉक्टर मर चुकी थी. बहरहाल सीबीआई उसके बयान की सच्चाई की जांच कर रही है.
इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा आक्रामक है और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. बहर हाल सिलीगुड़ी के नजदीक बानरहाट की दो घटनाओं ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार किया है और पुलिस तथा कानून की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा किया है. सवाल यह है कि आखिर इतने कठोर कानून के बावजूद अपराधियों को पुलिस और कानून का खौफ क्यों नहीं है?
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