November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी सहित देश भर की निगाहें टिकीं आम बजट पर!

कल पेश किया जाने वाला आम बजट कैसा होगा, इसकी झलक आज संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण से ही मिल जाती है. वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में महंगाई पर काबू से लेकर एलपीजी, पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती का भी जिक्र किया गया है. इसमें साफ कहा गया है कि सरकार की प्रतिबद्धता एक स्वस्थ और स्थिर बैंकिंग सिस्टम को लेकर रही है. इस दिशा में सरकार ने काफी काम किया है. सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन की भी बात कही है.

आम बजट को लेकर देश भर में सभी तबकों में उत्सुकता व्याप्त है. तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसा बजट होगा, वैसा बजट होगा, गरीब और मध्यमवर्ग को राहत पहुंचाने वाला बजट होगा, इनकम टैक्स में छूट बढ़ेगी, इत्यादि इत्यादि. अब इंतजार की घड़ियां समाप्त हुई. कल केंद्र सरकार का आम बजट पेश होगा. सुबह 11:00 बजे के बाद पता चल जाएगा कि इस बार का बजट कैसा है और इस पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया आ रही है.

आज सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण संसद के पटल पर पेश कर दिया. आर्थिक सर्वेक्षण से लगता है कि इस बार सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर पर अधिक है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दोपहर 12:00 बजे आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और पीपीपी पर अधिक जोर दिया गया है. केंद्र सरकार के इस आर्थिक सर्वेक्षण में 2024-2025 सत्र में भारत की जीडीपी को लेकर एक महत्वपूर्ण बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 से लेकर 7% तक है.

आर्थिक सर्वेक्षण में ग्लोबल अनिश्चितता की बात कही गई है. सरकार का कहना है कि ग्लोबल चुनौतियों की वजह से एक्सपोर्ट के मुद्दे पर देश को थोड़ा झटका लग सकता है. इसमें कहा गया है कि ग्लोबल व्यापार में चुनौतियां पेश आने की आशंका है. इसका प्रभाव पूंजी की तरलता पर पड़ सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण के बाद देश के शेयर बाजार में इसका बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

आज पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं: वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2% की वृद्धि से बढ़ रही है. ऊंची ग्रोथ पिछले दो वित्त वर्षों में 9.7% और 7% की ग्रोथ रेट के बाद आई है. वित्त वर्ष 2023 की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा कम था. चालू खाता घाटा जीडीपी का लगभग 0.7% है. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 1.6% पॉइंट बढा है. वित्त वर्ष 2024 में कांस्टेंट प्राइस पर कुल टैक्स 19.01% बढ़ा है.

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि दुनिया भर में मांग में सुस्ती देखी गई है. इसकी वजह से बाहरी संतुलन पर दबाव पड़ा है. इसके अलावा और भी बहुत सी बातें कही गई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का ऐलान किया, जिसकी वजह से खुदरा ईंधन महंगाई दर वित्त वर्ष 2024 में नीचे बनी रही. हालांकि खाद्य महंगाई ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. पिछले दो वर्षों में खाद्य महंगाई दर वैश्विक चिंता का विषय रहा है.

आपको बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण 31 मार्च को खत्म होने वाले वर्ष के दौरान सरकार के वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक आधिकारिक रिपोर्ट कार्ड होता है. यह भविष्य की पॉलिसी में बदलाव पर एक नजरिया भी देता है.यह आमतौर पर बजट पेश होने से एक दिन पहले वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *