जलपाईगुड़ी: नदी की रेत और पत्थर की चोरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार झूठ बोल रही है — यह आरोप आदिवासी संगठन ने लगाया है। गर्भवती आदिवासी महिला को लेकर जा रही मुख्यमंत्री की तस्वीर लगी एंबुलेंस को, रात के अंधेरे में रेत–पत्थर माफ़ियाओं के डंपर ने टक्कर मार दी। इस घटना को लेकर ऑल इंडिया आदिवासी विकास परिषद ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार झूठ बोल रही है।
जब नदी से सामग्री निकालना बंद है, तो फिर रात के अंधेरे में रेत और पत्थर से भरे डंपर कैसे दौड़ रहे हैं?
सोमवार रात जलपाईगुड़ी ज़िले के मालबाज़ार उपखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर, नदी सामग्री से भरे एक डंपर की टक्कर में गर्भवती महिला को ले जा रही एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। एंबुलेंस में बैठी प्रसूता को मालबाज़ार सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से जलपाईगुड़ी ले जाया जा रहा था। एसएसबी मोड़ पर यह भीषण दुर्घटना हुई। दुर्घटना की ख़बर मिलते ही दमकल, पुलिस और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुँच गए। घायल प्रसूता को वापस मालबाज़ार अस्पताल लाया गया।
दुर्घटना के बारे में स्थानीय निवासी ने बताया कि जुलाई महीने में नदी से रेत और पत्थर निकालना सरकारी तौर पर बंद कर दिया गया था। लेकिन हर रात इसी तरह डंपर से रेत और पत्थर की तस्करी जारी है।
उधर, घटना की जानकारी मिलते ही ऑल इंडिया आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष अमरेंद्र बाक्सला भी मौके पर पहुँचे। इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि नदी से रेत और पत्थर निकालना बंद कर दिया गया है, तो फिर रात के अंधेरे में डंपर से नदी सामग्री कैसे ले जाई जा रही है? इससे साफ़ है— पश्चिम बंगाल सरकार झूठ बोल रही है।