सिलीगुड़ी के बाजार में और कोई फल मिले या ना मिले, किंतु लीची और आम जरूर मिल जाएंगे. आजकल आमों की आवक इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि दुकानदार अब सड़क के किनारे ही आम बेचने लगे हैं. आम के साथ लीची भी आपको मिल जाएगी. परंतु लीची का भाव काफी महंगा है. यह आम उपभोक्ताओं की जेब से बाहर है. लीची का भाव शतक पार कर गया है. परंतु आम सिलीगुड़ी में खूब बिक रहे हैं.
वर्तमान में फुटकर बाजार में आम ₹40 किलो से लेकर ₹60 किलो तक बिक रहे हैं. बाजार में लंगड़ा आम छा गया है. हर दिन लंगड़े आम के दाम में कमी आ रही है. आम बेचने वाले व्यापारियों ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में आम की कीमत काफी कम हो जाएगी. बिहार में लंगड़ा आम का उत्पादन काफी हुआ है. जब बिहार से माल आना शुरू होगा, तो आम के दाम में काफी कमी आ जाएगी. फिलहाल सिलीगुड़ी में मालदा और दूसरे क्षेत्र से आम मंगाये जा रहे हैं.
सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारी आम से काफी लाभ कमाना चाहते थे. परंतु मौसम और बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बाजार में पूर्वोत्तर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं और ना ही रेगुलेटेड मार्केट से आम को बाहर भेजा जा रहा है. कारण कि सिक्किम, असम, त्रिपुरा आदि राज्यों में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचाई है. सिक्किम के तो रास्ते भी बंद है. माल ढुलाई की प्रक्रिया काफी स्लो हो गई है. इसके चलते रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारी माल बाहर भेज नहीं पा रहे हैं.
सिलीगुड़ी के कुछ आम व्यापारियों ने बताया कि अगर माल बाहर निर्यात नहीं होगा, तो सिलीगुड़ी में आम की खपत इतनी ज्यादा नहीं हो सकती है. ऐसे में आम सड़ने लगेगा और व्यापारी को भारी नुकसान होगा. यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि अगर मौसम और बारिश का सिलसिला यही बना रहा तो जल्दी आम के दाम लुढ़क जाएंगे. सिलीगुड़ी रेगुलेटिंग मार्केट के सूत्रों ने बताया कि बाढ़, बारिश और मौसम खराब होने के चलते सब्जियों के दाम में भी काफी गिरावट आई है. इसके साथ ही मछली बाजार भी प्रभावित हुआ है.
सिलीगुड़ी फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स कमीशन एजेंट एसोसिएशन के सचिन शिवकुमार ने बताया कि असम, त्रिपुरा, सिक्किम जैसे राज्यों में बाढ़ और बारिश ने बाजार को भी काफी प्रभावित किया है. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट से इन राज्यों में फल और सब्जियों का निर्यात किया जाता है. लेकिन व्यापारी आ नहीं पा रहे हैं, जिससे माल का निर्यात नहीं हो पा रहा है.
आम एक मौसमी फल है, जो ज्यादा समय तक संरक्षित नहीं रखा जा सकता. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में आम का दाम इतना गिरा है कि फुटकर व्यापारी भी माल उठाने से डरने लगे हैं. थोक बाजार में आम की कीमत ₹20 से ₹25 किलो तक है. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि आम से मुनाफा कमाने वाले व्यापारियों की उम्मीद इस बार पूरी होगी, इसमें संदेह ही है.
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