आज सिलीगुड़ी में सर्द मौसम के बीच बहुत से लोगों को सांस लेने और सांस फूलने की शिकायत हुई. पिछले दो दिनों से सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में कोहरे और धुंध ने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है. रेल, सड़क, वायु मार्ग तीनों को ही कोहरे ने जैसे ढक लिया है. ऐसे में आज सिलीगुड़ी के कई इलाकों से अचानक से लोगों को सांस फूलने, सांस लेने में कठिनाई और फेफड़े के स्वाभाविक संकुचन व फैलाव में परेशानी ने चिंता बढ़ा दी है.
लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि अचानक से वे अस्वस्थ क्यों महसूस कर रहे हैं. क्या ठंड के कारण? कुछ लोगों को लगातार खांसी की शिकायत भी हुई तो कुछ लोगों ने उल्टियां भी महसूस की. आखिर सिलीगुड़ी में आज के दिन ऐसा क्या हो गया कि अनेक लोगों को स्वास्थ्य समस्या से गुजरना पड़ रहा है. दरअसल इसके पीछे वायु प्रदूषण एकमात्र कारक है. आज सिलीगुड़ी में वायु प्रदूषण ने दिल्ली और कोलकाता को भी पीछे छोड़ दिया है. जिसके कारण अनेक मरीजों को विभिन्न तरह की शिकायतों का सामना करना पड़ा है. वायु गुणवत्ता इंडेक्स में सिलीगुड़ी, बाबूपाडा का वायु गुणवत्ता स्तर सुबह 11:00 तक 211 था और यह सबसे Poor माना जाता है. यह इस बात का संकेत है कि सिलीगुड़ी में वायु प्रदूषण अत्यधिक बढ़ गया है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार 0 से 50 तक अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मॉडरेट, 201 से 300 तक Poor, 301 से 400 तक very poor और 401 से लेकर 500 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है. जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 51 और 100 के बीच रहता है तभी से ही रोगियों में कोई ना कोई दिक्कत शुरू हो जाती है. जबकि 101 से लेकर 200 के बीच में प्रदूषण रहने से अस्थमा, हृदय और फेफड़ों के मरीज में सांस लेने में दिक्कत व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो जाती है. यही कारण था कि आज सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 पाए जाने के बाद कई पुराने सांस के रोगियों में विभिन्न तरह की श्वसन और अन्य समस्याएं शुरू हो गई.
आज सुबह सिलीगुड़ी में हवा में प्रदूषण और विद्यमान गैसों की अनुपातिक मात्रा को इस रूप में रेखांकित किया गया है. पीएम 2.5 अधिकतम 301, न्यूनतम 83 और औसत 211 दर्ज की गई जबकि पीएम 10 अधिकतम 191, औसत 148 जबकि न्यूनतम 112 था. इसी तरह से नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा हवा में न्यूनतम 28 जबकि अधिकतम 50 थी. औसत 38 अंकित किया गया. nh3 की औसत मात्रा 11, न्यूनतम 9 और अधिकतम 13 अंकित की गई. so2 की मापन इकाई न्यूनतम 10, अधिकतम 13 और औसत 12 थी. हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा न्यूनतम 25, औसत 46 और अधिकतम 62 दर्ज की गई. जबकि ओजोन की मात्रा न्यूनतम 17 औसत 17 और अधिकतम 36 दर्ज की गई.
उधर कोलकाता में आज ही सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स कोलकाता के अलग-अलग स्थानो पर अलग-अलग पाया गया. बालीगंज में यह 203 था. जादवपुर में 168, विक्टोरिया में 154, रविंद्र भारती यूनिवर्सिटी में 139 ,फोर्ट विलियम में 159 और कोलकाता के बिधाननगर में 178 दर्ज किया गया. कोलकाता में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण बालीगंज में रिकॉर्ड किया गया, जहां अधिकतम AQI 203 था. Air क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार कोलकाता के सभी छोटे बड़े शहरों और स्थानों में वायु प्रदूषण बढा है. लेकिन सिलीगुड़ी में तो अचानक से वायु प्रदूषण ने सभी को चौकने पर मजबूर कर दिया है. क्योंकि हिमालय से सटे इस इलाके में पहले वायु प्रदूषण का यह स्तर नहीं देखा गया था.
दिल्ली में वायु प्रदूषण अब एक साधारण सी बात रह गई है. क्योंकि महानगर दिल्ली में वायु प्रदूषण लोगों के जीवन का एक अंग बन चुका है. दिल्ली और केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण निवारण की दिशा में अनेक कदम उठाए लेकिन स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. कई बार सुप्रीम कोर्ट को भी इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. इसी तरह से वायु प्रदूषण और वायु गुणवत्ता के पैमाने पर दिल्ली के बाद सबसे खराब स्थिति कोलकाता की है. कोलकाता में भी वायु गुणवत्ता स्तर में काफी गिरावट आई है. पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता महानगर वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित है. सबसे बड़ा सवाल और चिंता सिलीगुड़ी को लेकर है, जो हिमालय के करीब और पहाड़ियों से घिरा हुआ शहर है और उस शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स में इतनी बड़ी गिरावट सोचने पर मजबूर कर देती है.
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