सिक्किम का ‘देवदूत’, जिसने अपना बलिदान देकर सैकड़ों लोगों की जिंदगियां बचाई!
सिक्किम की त्रासदी को हमेशा याद रखा जाएगा. सिक्किम त्रासदी की अनकही कहानियों में एक कहानी दावा छिरिंग तोंगदेन लेप्चा की है, जिसने
सिक्किम की त्रासदी को हमेशा याद रखा जाएगा. सिक्किम त्रासदी की अनकही कहानियों में एक कहानी दावा छिरिंग तोंगदेन लेप्चा की है, जिसने
सिक्किम की आपदा ने तन मन को झंझोर कर रख देने वाली ऐसी सैकड़ो कहानियों को जन्म दिया है, जिसे सुनकर आज भी
मनरेगा समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं के बकाया फंड की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व
सिक्किम धीरे-धीरे तबाही से उबरने लगा है. सड़क, बस्ती,बाजार के पुनर्निर्माण का काम जोरो से चल रहा है. इसके साथ ही सिक्किम में
पिछले काफी समय से राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में चुनाव प्रचार विभिन्न दलों की ओर से शुरू कर दिया गया था. आज
हिमालय क्षेत्र में 12000 से ज्यादा छोटे बड़े ग्लेशियर हैं. सिक्किम हिमालय की गोद में बसा है. ग्लेशियर ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन
सिक्किम प्रदेश में सुनामी तो गुजर गई, अब जो तबाही सामने दिख रही है, उसे देखकर किसी का भी हृदय विचलित हो सकता
सिलीगुड़ी और कोलकाता के बीच व्यापार, रिश्ता, मेडिकल आदि विभिन्न कारणों से आना-जाना लगा रहता है. सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र के लोगों
सिक्किम में कुदरत के कहर का असर उत्तर बंगाल में भी दिखाई दे रहा है. लगातार बारिश के चलते तीस्ता और सहायक नदियां
सिक्किम में कुदरत ने ऐसा कहर ढाया कि सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है. घाटी, शहर, कस्बा, गांव, बस्ती ऐसा कोई भी स्थान