क्यों टूटा सिक्किम पर कुदरत का कहर? सिक्किम को भविष्य में और बड़ी तबाही का करना पड़ सकता है सामना!
हिमालय के क्षेत्रों में सिक्किम से शुरू होकर लद्दाख और उसके आसपास के क्षेत्र तक भारी संख्या में ग्लेशियर और झीलों का जंजाल
हिमालय के क्षेत्रों में सिक्किम से शुरू होकर लद्दाख और उसके आसपास के क्षेत्र तक भारी संख्या में ग्लेशियर और झीलों का जंजाल
बरसों बाद सिक्किम में कुदरत का कहर टूटा है. तीस्ता नदी ने भारी तबाही मचाई है. तीस्ता नदी के किनारे बसे कई गांव
सिक्किम और बंगाल में तीस्ता नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है. इस नदी ने सिक्किम का व्यापक नुकसान किया है. पूरा सिक्किम
कल शाम को सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. यह तो गनीमत रही कि जान माल
14-15 अक्टूबर से दुर्गा पूजा आरंभ हो रही है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगी. 19 अक्टूबर को महापंचमी और 21 अक्टूबर को महा
दिल्ली में बंगाल की राजनीति लिखी जा रही है. कुछ विशेष होने वाला है. इसका बंगाल की राजनीति पर खासा असर होगा. एक
अपनी सभा, रैलियों के जरिए बुलंद आवाज, आक्रामक तेवर और विपक्षी पार्टियों खासकर भाजपा पर सीधा हमला करने वाले तृणमूल कांग्रेस के महासचिव
बारिश की आंख मिचौली के बीच मौसम विभाग का ताजा अपडेट आया है. इसके अनुसार मंगलवार को पहाड़ और समतल Dooars समेत विभिन्न
सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में नशे का जहर युवाओं को तबाह कर रहा है. नशा बेचना और नशा करना आए दिन की
माटीगाड़ा के बहुचर्चित बालिका हत्याकांड की चर्चा एक बार फिर से आरोपी मोहम्मद अब्बास के बयान से तेज हो गई है. मोहम्मद अब्बास