
2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण को नया आयाम देने वाला बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने गुरुवार को कोलकाता के अलीपुर में ‘शिल्पान’—चर्म और कुटीर उद्योग केंद्र—के उद्घाटन अवसर पर घोषणा की कि राज्य के हर जिले के मुख्यालय में एक आधुनिक शॉपिंग मॉल बनाया जाएगा, जिसके लिए सरकार जमीन सिर्फ ₹1 में उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि मॉल बनाने के इच्छुक बिल्डरों को एक शर्त पर यह भूमि मिलेगी—मॉल की दो मंजिलें राज्य सरकार के लिए और दो मंजिलें महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए आरक्षित रखनी होंगी।
> “जो भी चाहें मॉल बनाएं, 8 या 10 मंजिला। फर्क नहीं पड़ता। मगर दो मंजिलें मेरी स्वनिर्भर दीदियों के लिए चाहिए। वहीं अपना हस्तशिल्प, बुनाई, बांस का काम, जैविक प्रोडक्ट और लोककला बेचेंगी,” — ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
उत्तर बंगाल का वाणिज्यिक और पर्यटन केंद्र सिलीगुड़ी भी इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय प्रशासन (SJDA) और महकमा परिषद मॉल के लिए उपयुक्त स्थल चिह्नित करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
यह प्रस्तावित मॉल डुआर्स की ऑर्गेनिक चाय, कालीम्पोंग की बुनकरी, बांस शिल्प, नेपाली आभूषण, कढ़ाईदार वस्त्र और गृह-निर्मित खाद्य उत्पादों जैसे उत्तर बंगाल के अनूठे सामानों को एक स्थायी और हाई-फुटफॉल प्लेटफॉर्म देगा। यह महिलाओं और युवाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम भी बनेगा।
स्थानीय व्यापारिक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा है कि यह सिलीगुड़ी को सिर्फ एक ट्रांजिट टाउन से एक रचनात्मक बाजार हब में तब्दील करने की क्षमता रखती है।
ममता बनर्जी ने ज़ोर देकर कहा, “ये केवल चुनावी घोषणा नहीं, बल्कि रचनात्मक बंगाल की नींव है। गांव से लेकर शहर तक, हर किसी को आगे बढ़ने का मौका चाहिए और हम वही कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि महिला कैदियों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए “अभिन्ना” नाम से विशेष दुकानें खोली जा रही हैं ताकि वे समाज में वापस आकर सम्मान से जीवन जी सकें।
₹1 में जमीन, महिला SHGs को मंच और स्थानीय बाजार को वैश्विक पहचान देने वाली यह योजना सामाजिक न्याय, आर्थिक समावेशन और संस्कृति संवर्धन — तीनों मोर्चों पर राज्य को मजबूत करेगी।
सिलीगुड़ी के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है — जहां हुनर, परंपरा और बाज़ार मिलकर नए युग का द्वार खोल सकते हैं।