अगर आप अपने स्मार्टफोन के लोन एप से लोन लेना चाहते हैं,तो सावधान हो जाएं. क्योंकि प्ले स्टोर में बहुत से फर्जी लोन एप आ गए हैं जिनके बारे में आपको पता नहीं होता. यह फर्जी लोन एप वास्तविक जैसे प्रतीत होते हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम से सस्ता लोन देने का आकर्षक विज्ञापन देते हैं.इनसे सावधान रहने की जरूरत है.
देशभर के बहुत से नौजवान ऐसे फर्जी लोन एप के शिकार हो गए हैं. सिलीगुड़ी में वर्तमान में ऐसे मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने सिलीगुड़ी के लोगों को सावधान किया है कि वे फर्जी लोन एप संचालकों के झांसे में कभी नहीं आए, अन्यथा पैसा भी जाएगा और प्रतिष्ठा भी. सिलीगुड़ी साइबर थाने में फर्जी लोन एप से ठगे जाने वाले लोगों खासकर युवाओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी है.
सिलीगुड़ी के एक नौजवान ने कुछ समय पहले इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देखकर फ्लैश वॉलेट एप डाउनलोड किया था.बाद में उस नौजवान को बकाया लोन का मैसेज आने लगा. साइबर फ्रॉड ने उसका फोन डेटा हैक कर लिया और इसके बाद उन्होंने उसे धमकाना शुरू कर दिया. वे पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन आदि देशों के नंबरों से फोन करने करते थे और उसे धमकाते थे. बाद में उस व्यक्ति ने सिलीगुड़ी पुलिस की मदद ली.
ऐसे मामलों में यह देखा जाता है कि अगर पीड़ित व्यक्तियों से उन्हें पैसा नहीं मिलता है तो वह मोबाइल से फोटो निकाल कर उन्हें अश्लील तरीके से एडिट करके ब्लैकमेल करने लगते हैं. कुछ लोग अपनी प्रतिष्ठा को देखकर उनकी मांग पूरी कर देते हैं, जबकि कुछ लड़के अपना सिम ही बदल लेते हैं या फिर व्हाट्सएप नंबर और फेसबुक ही बंद कर लेते हैं.
फर्जी लोन एप संचालकों का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है. इसमें कई लोग जुड़े होते हैं. कुछ लोग मोबाइल हैक कर लेते हैं.कुछ खाते का संचालन करते हैं. कुछ सिम कार्ड की व्यवस्था करते हैं. कुछ लड़कों को पीड़ित को धमकाने और गाली गलौज करने के लिए रखा जाता है. ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना पुलिस के लिए आसान नहीं होता है. ऐसी फर्जी लोन एप से एक ही कीमत पर बचा जा सकता है कि आप मोबाइल लोन एप का इस्तेमाल ही नहीं करें. क्योंकि आपको पता नहीं होता कि कौन फर्जी है और कौन असली.
हाल ही में संभल पुलिस ने फर्जी लोन एप के जरिए ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.ये फ्लैश वॉलेट नाम के ऐप से लोगों को आसान लोन का झांसा देते थे. यह गिरोह कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में काफी सक्रिय था. पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने अब तक दो करोड़ से अधिक की ठगी की है.
इससे पहले 6 जुलाई को उत्तराखंड एसटीएफ ने फर्जी लोन एप से साइबर ठगी करने वाले अभिषेक अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. वह चीन से जुड़े गिरोह के लिए काम करता था. उसने 35 से 40 सेल कंपनियां बनाई थी, जिनमें से कई उसकी पत्नी के नाम पर थी. इन कंपनियों के माध्यम से 750 करोड़ से अधिक की धनराशि का लेनदेन किया गया था.
सिलीगुड़ी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि साइबर ठग फर्जी लोन एप के जरिए पीड़ित को कम दस्तावेजों में तत्काल लोन देने का लालच देकर ऐप इंस्टॉल कराते हैं. इसके बाद पीड़ित के मोबाइल डिवाइस का एक्सेस प्राप्त कर उसकी गैलरी से निजी डेटा चुरा लेते हैं. फिर पीड़ित को अधिक ब्याज भरने की धमकी भरे मैसेज भेजते हैं.अधिक ब्याज जमा ना करने वालों की फोटो को अश्लील बनाकर यह इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करते हैं. बदनामी के डर से पीड़ित व्यक्ति अधिक ब्याज भरने को मजबूर हो जाते हैं.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी के लोगों खासकर युवाओं को सावधान करते हुए कहा है कि वह फर्जी लोन एप से बचें अन्यथा पैसा के साथ-साथ उनकी प्रतिष्ठा भी खाक में मिल सकती है. क्योंकि उन तक पहुंच पाना आसान नहीं होता है. इसलिए समझदारी इसी में है कि आप ऐसे फर्जी लोन एप से बचें.