पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी को उस समय जोर का झटका लगा, जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया. दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता ने विपक्षी पार्टियों को दिन में ही तारे दिखाने शुरू कर दिए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी से ही 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.
काफी समय से अभिजीत मुखर्जी की घर वापसी की अटकलें लगाई जा रही थी. टीएमसी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि मैं अपने घर वापस आ चुका हूं. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि दिल्ली से कोलकाता आने में थोड़ा समय लगता है. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. हालांकि पार्टी मुझे जो दायित्व देगी, मैं उसे पूरा करूंगा. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने अभिजीत मुखर्जी की घर वापसी की प्रशंसा की और कहा कि इससे उनकी पार्टी को मजबूती मिलेगी.
आपको बताते चलें कि अभिजीत मुखर्जी पश्चिम बंगाल से दो बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 2012 में जंगीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे. यह सीट उनके पिता प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद उनके इस्तीफे से खाली हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अभिजीत मुखर्जी ने जंगीपुर सीट से ही चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे. लेकिन 2019 में वह चुनाव हार गए थे.
अभिजीत मुखर्जी ने 2021 में कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गए. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के साथ खड़ा दिखने की कोशिश करने लगे थे.कदाचित उन्हें अपनी भूल का एहसास हो गया था. जून 2024 में अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस में वापसी की इच्छा जाहिर की और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से मुलाकात का समय भी मांगा था. उसी समय से यह कयास लगाया जा रहा था कि अभिजीत मुखर्जी आज नहीं तो कल कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे!
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