सिलीगुड़ी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नौकरी दिलाने का लालच देकर नागालैंड के दो युवकों को कथित तौर पर तीन महीने तक बंधक बनाकर रखने का आरोप है। यह मामला माटीगाड़ा थाना क्षेत्र के बारोघरिया का है।
दोनों युवक बेहद कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं और अपने परिवार की मदद करने के लिए रोज़गार की तलाश में थे। इसी दौरान उनकी मुलाक़ात कुछ लोगों से हुई, जिन्होंने उन्हें सिलीगुड़ी में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया।
बताया जा रहा है कि दोनों युवकों से लगभग ₹20 हज़ार लेकर उन्हें माटीगाड़ा क्षेत्र में बुलाया गया। आरोप है कि युवकों को एक खेत के पास स्थित एक खाली पड़े घर में रखा गया और फिर शुरू हुआ लंबा इंतज़ार। जब भी वे नौकरी को लेकर पूछते, तो कथित तौर पर उन्हें सिर्फ़ “बस, कुछ दिन और” कहकर टाल दिया जाता रहा। यह सिलसिला लगभग तीन महीने तक चला।
धीरे-धीरे उन्हें शक हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। सही मौका देखते ही दोनों किसी तरह वहाँ से भाग निकले और सीधे माटीगाड़ा थाने पहुँचे। पुलिस के सामने उन्होंने अपनी पूरी कहानी बयाँ की।
लिखित शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कार्रवाई करते हुए चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं: लालरामसन चोंग्लोई, जोसेफ ज़ारजोरसांग, एडवर्ड हमार, और थांगचुंगचन हेंगना। पुलिस के अनुसार, ये चारों आरोपी नागालैंड और मिज़ोरम के निवासी हैं।
जांच के दौरान पुलिस को माटीगाड़ा इलाके में एक कथित “ऑफिस सेटअप” का सुराग भी मिला है, जहां से नौकरी दिलाने के झूठे दावे किए जाते थे। पुलिस ने अब उस कार्यालय के मालिक की तलाश शुरू कर दी है।
गिरफ्तार चारों आरोपियों को गुरुवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया।