बीएसएफ के जवान जो ड्यूटी पर तैनात था, उसने अपने ही साथी को गोलियों से छलनी कर दिया। इलाज के दौरान उस बीएसएफ जवान की मृत्यु हो गई । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना शनिवार की बताई गई है ।
बता दे कि,कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार नागरिकों की सुरक्षा के लिए मुर्शिदाबाद के सभी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएफ को तैनात किया गया था।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार दोनों जवान सीमा सुरक्षा बल की 119 बटालियन में तैनात थे, इसी दौरान शनिवार देर रात दोनों में किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया और देखते ही देखते विवाद बढ़ता चला गया ।
विवाद के बाद आरोपी बीएसएफ जवान एसके मिश्रा ने अपनी इंसास राइफल से करीब 13 राउंड फायरिंग की,अंधाधुंध फायरिंग के दौरान उनके साथी जवान रतन लाल को करीब पांच राउंड गोलियां लगी और वे गंभीर रूप से घायल हो गए ।
घायल बीएसएफ जवान को पहले अनूपनगर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर होने पर उसे जंगीपुर अनुमंडल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जंगीपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचने पर बीएसएफ जवान को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
इस घटना को लेकर जानकारी मिली है कि, विवाद में हुए फायरिंग के बाद एसके मिश्रा का पता नहीं चल सका, लेकिन बाद में शमशेरगंज थाने की पुलिस बीएसएफ जवान को बंदूक समेत थाने ले आई और उसे गिरफ्तार कर लिया,
दूसरी ओर बीएसएफ अधिकारियों ने भी घटना की पुष्टि की है और कहा है कि , वे जांच में राज्य जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं, आरोपी को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दे कि, BSF जवान के खिलाफ जांच शुरू कर दिया गया है।
जंगीपुर पुलिस जिले के शमशेरगंज पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपी को जंगीपुर कोर्ट में पेश किया गया । इस घटना के बाद अब लोगों ने बीएसएफ की भूमिका पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं, क्योंकि बीएसएफ देश के वे जवान है जो जनता को सुरक्षा प्रदान करते है, लेकिन यदि यही जवान आपसी विवाद के कारण बेकाबू हो जाए और एक दूसरे की हत्या करने लगे तो देश की सुरक्षा प्रणाली का क्या होगा ?
स्थानीय जनता मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद उनकी सुरक्षा के लिए उनके गांव में एक स्थायी बीएसएफ कैंप चाहते थे,
क्योंकि स्थानीय लोग राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे, लेकिन इस घटना के बाद बीएसएफ पर भी लोगों का भरोसा डगमगा रहा है, क्योंकि बीएसएफ के जवान आपस में ही लड़ कर एक दूसरे पर फायरिंग कर रहे हैं, जिसके कारण लोगों का बीएसएफ पर संदेह करना भी लाजमी है।
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