शिवलोक से ‘सिलीगुड़ी'(धरती) पधारीं मां दुर्गा!
रात्रि के अंतिम पहर में सन्नाटे को चीरते हुए जब सिलीगुड़ी के मंदिरों और देवालयों के घंटे बजने लगे तथा चौराहों पर जहां-तहां लगे माइक पर या देवी सर्वभूतेषु सर्वरूपेण संस्थिता: नमस्तस्य नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः के स्वर गूंजने लगे, तो आसपास का वातावरण दिव्य हो गया. कुछ ही देर में नदी के किनारे पितरों […]