क्या उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि हाल के दिनों में कुछ गतिविधियां ऐसी है कि सब कुछ नकारात्मक नजर आ रहा है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में वार्ड बॉय की नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे दो युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सवाल यह है कि इन नवयुवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र किसने दिया? इसमें स्वास्थ्य विभाग का सील मोहर भी लगा है.
आज सिलीगुड़ी के विधायक डॉ शंकर घोष ने भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों में कथित भ्रष्टाचार और अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत व अन्य मुद्दों को लेकर मीडिया को संबोधित किया और कहा कि दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले की जांच को लेकर राज्य के राज्यपाल को एक पत्र भेजा है. उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आरजीकर की तरह कोई अनहोनी ना हो, इसलिए जरूरी है कि यहां भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई करे.
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर परीक्षा में धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप पहले ही लग चुका है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत कुछ डॉक्टर दबी जुबान से ऐसा कहते भी हैं. पिछले हफ्ते उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल काउंसिल की बैठक हुई थी. इस बैठक में शामिल होने आए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर निर्मल बेरा ने कहा था कि जब वह यहां के अधीक्षक थे, तब उन्हें कई बार धमकी दी गई थी. उन पर किसी डॉक्टर अथवा कर्मचारियों के स्थानांतरण करने का दबाव बनाया जाता था. जब वह इसके लिए तैयार नहीं होते तो इस निर्णय को स्वास्थ्य भवन से लागू कर दिया जाता था.
सूत्र बता रहे हैं कि अस्पताल प्रशासन किसी एक व्यक्ति के इशारे पर चलता है. यह व्यक्ति आरजीकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष जैसी हैसियत रखता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां परीक्षा में धांधली और धमकी भी चलती है. ऊंची पहुंच वाले इस व्यक्ति के ठाठ इस तरह से हैं, जिस तरह के संदीप घोष के थे.कहा तो यह भी जा रहा है कि संदीप घोष के साथ इनके संबंध जुड़े हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन दोनों उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अस्पताल में डॉक्टर सुशांत राय की खूब चर्चा हो रही है.
कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. इस अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष सीबीआई हिरासत में है. चर्चा है कि संदीप घोष के संबंध डॉक्टर सुशांत राय से भी है. इसलिए सीबीआई पूछताछ के क्रम में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच सकती है. हालांकि आधिकारिक रूप से अभी कोई पक्की जानकारी नहीं है. लेकिन कहा जा रहा है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भ्रष्टाचार हुआ है और यह भ्रष्टाचार कोरोना काल में हुआ था, जब डॉक्टर सुशांत राय उत्तर बंगाल में स्वास्थ्य विषयक मामलों के ऑफिसर हुआ करते थे.
डॉक्टर सुशांत राय का उन दिनों उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काफी आना-जाना होता था. उनके ही काल में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़े पैमाने पर चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद हुई थी. अब इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. जैसे आरजीकर कांड में पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के मामले में हुई है, इसी तरह से आशंका व्यक्त की जा रही है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई आरजीकर की तरह ही एक्शन ले सकती है. राज्यपाल ने यह संकेत दिया भी है.
हालांकि कोई भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है. लेकिन डरे हुए सभी हैं. क्या पता कल क्या हो.माहौल नकारात्मक है. राज्यपाल ने राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई तेज करने का इशारा किया है. उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को सीबीआई से मामले की जांच खासकर परीक्षा में धांधली तथा धमकी मामले की जांच कराने के लिए मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिया है. इसके बाद ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई है.
वर्तमान में आरजीकर भ्रष्टाचार की जांच की प्रगति तथा सीबीआई के रडार में कई अस्पतालों के प्रमुख सामने आ रहे हैं. उत्तर बंगाल में उत्तर बंगाल लाबी और इससे संबंधित एक नाम डॉक्टर सुशांत राय की तरफ सीबीआई धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है. डॉक्टर सुशांत राय के कई करीबी लोग हैं, जिन पर सीबीआई की नजर है. इन दिनों वे काफी परेशान नजर आ रहे हैं. इसका मतलब यह भी है कि देर सबेर वे भी सीबीआई की जांच के दायरे में आ सकते हैं.
सूत्रों ने बताया है कि सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीबीआई की कभी भी एंट्री हो सकती है. राज्य के राज्यपाल सी वी आनंद बोस को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है. जिस तरह से आरजी कर में भ्रष्टाचार और लीपापोती एक प्रमुख मुद्दा बना और इस पर पर्दा डालने के लिए ही कहीं ना कहीं जूनियर डॉक्टर को अपनी जान ग॔वानी पड़ी, ठीक वही स्थिति उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज प्रशासन में भी दिख रही है. भविष्य में आरजी कर की तरह यहां भी कोई अनहोनी ना हो, राज्यपाल की ओर से कोई सशक्त कदम उठाया जा सकता है.
उपरोक्त के अलावा कई संभावनाएं भी सीबीआई को इस दिशा में जाने की ओर इशारा कर रही है. हाल में कुछ मुद्दे उठाए गए हैं. इनमें फर्जी नियुक्ति पत्र, परीक्षा में कदाचार और अस्पताल प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिली भगत के भी आरोप लग रहे हैं. अब अगला कदम राज्य के मुख्य स्वास्थ्य सचिव पर टिका है. अगर स्वास्थ्य सचिव के द्वारा सीबीआई एक्शन की कार्रवाई को मंजूरी नहीं दी जाती है तो संभव है कि कोलकाता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की जा सके. इसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट संभव है कि सीबीआई की उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंट्री को निर्धारित कर दे.
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