November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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दार्जिलिंग का गोरखा कैप्टन बृजेश थापा देश के लिए शहीद!

गोरखा अपनी बहादुरी और साहस के लिए जाने जाते रहे हैं. दार्जिलिंग और पहाड़ी क्षेत्र से अनेक गोरखाओं ने देश की मिट्टी की रक्षा करते हुए बलिदान दिया है. इस कड़ी में अमर शहीद कैप्टन बृजेश थापा का भी नाम जुड़ गया. कैप्टन बृजेश थापा की शहादत की खबरों ने सिलीगुड़ी, पहाड़ और खासकर दार्जिलिंग को झकझोर कर रख दिया है. इस वीर सपूत ने जम्मू कश्मीर के डोडा में 15 तारीख की रात आतंकवादियों से मुठभेड़ में वीरगति प्राप्त की है.

आपको बताते चलें कि जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के कैप्टन बृजेश थापा समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. सेना को जानकारी मिली थी कि डोडा के उत्तरी इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी है. इस सूचना के बाद कैप्टन बृजेश थापा के नेतृत्व में सेना और पुलिस की टीम पूरे जंगल को घेरने पहुंच गई. लगभग रात्रि 9:00 बजे आतंकवादियों और सेना का आमना सामना हो गया. इसके साथ ही गोलीबारी शुरू हुई. इस गोलीबारी में कैप्टन बृजेश थापा समेत पांच जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए. बाद में सभी जवानों की इलाज के दौरान मौत हो गई. शहीद जवानों में कैप्टन बृजेश थापा के अलावा नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस का एक जवान शामिल है.

कैप्टन बृजेश थापा यूं तो दार्जीलिंग के लेबोंग के रहने वाले थे. पर पिछले 10-12 सालों से उनका पूरा परिवार सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत वार्ड नंबर 41 स्थित शास्त्री नगर में रहता है. पिछली तीन पीढियां से देश की सेवा करने वाले इस परिवार की पृष्ठभूमि त्याग और सेवा के अलावा कुछ नहीं है. कैप्टन बृजेश थापा के पिता सेना में कर्नल रह चुके हैं. उनके दादा भी सेना में थे. सिलीगुड़ी में रह रहे कर्नल भुवनेश थापा 2014 में सेना से सेवानिवृत होने के बाद लेबोंग में एक्स सर्विसमैन हेल्थ सर्विस स्कीम में कार्यरत हैं. रात्रि लगभग 10:30 बजे कर्नल भुवनेश थापा को अपने पुत्र की शहादत का समाचार मिला. इसके साथ ही पूरे परिवार में शोक का माहौल छा गया.

जिसने भी सुना, वही गमगीन हो गया. चाहे दार्जिलिंग हो अथवा सिलीगुड़ी, इस 27 वर्षीय नौजवान बहादुर कैप्टन बृजेश थापा की शहादत की खबर पाते ही शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने लेबोंग और सिलीगुड़ी स्थित उनके निवास पर पहुंचने लगा. सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 41 की पार्षद शिविका मित्तल भी समाचार पाते उनके घर पहुंच गई. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए पिता को धैर्य बंधाया और देश के लिए इसे गर्व की बात कही. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने भी अपने शोक संदेश में इसे दार्जिलिंग के लिए गौरव बताते हुए कहा कि दार्जिलिंग का गोरखा का देश सेवा का एक लंबा इतिहास रहा है. केंद्रीय मंत्रियों ने भी कैप्टन बृजेश थापा और अन्य जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त किया है.

रिटायर्ड कर्नल भुवनेश थापा ने कहा कि एक बेटे के तौर पर मुझे बेटे के नहीं रहने का काफी दुख है. लेकिन मेरे बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी है. इसलिए मुझे उसकी शहादत पर गर्व है. कर्नल भुवनेश थापा ने देश के लिए एक संदेश में कहा है कि हर व्यक्ति के लिए देश सेवा सर्वोपरि है. यह जरूरी नहीं है कि हर कोई सेना में रहकर ही देश की सेवा करे. वह जहां रहे, वहां से भी देश सेवा की जा सकती है. शहीद बृजेश थापा की मां नीलिमा थापा ने भी अपने लाल की शहादत पर गर्व किया है. बड़ी मुश्किल से उन्होंने आंसुओं के सैलाब को बहने से रोकते हुए कहा कि मैंने एक जवान बेटा खोया है. लेकिन मुझे अपने देश पर गर्व है. मेरा बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है.

शहीद बृजेश थापा पिछले 5 सालों से सेना में थे. बचपन से ही उनकी सेना में जाने की ललक रही थी. अपने पिता को सेना में देखकर उन्हें प्रेरणा मिली. हालांकि बृजेश थापा ने बी टेक किया था. उन्हें कहीं भी सरकारी नौकरी मिल सकती थी. लेकिन उन्हें देश सेवा पसंद थी. जब देश सेवा की बात आई तो उन्होंने सेना को ही अपना मिशन बताया. इस परिवार की यहां परंपरा रही है. शहीद बृजेश थापा के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा एक बहन भी है. जिसका नाम निकिता थापा है. वह फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में संगीत की पढ़ाई कर रही है.

बृजेश थापा का जन्म लेबोंग में हुआ था. उनकी प्राथमिक शिक्षा दार्जिलिंग में हुई. पिता सेना में थे. अतः उन्होंने अपनी बाकी पढ़ाई राज्य के बाहर पूरी की थी. बृजेश थापा की उच्च शिक्षा मुंबई में हुई है. वहां उन्होंने एक कॉलेज से बीटेक किया. इसके बाद वह कंबाइंड डिफेंस सर्विस परीक्षा में बैठे. 2018 में उन्होंने रक्षा सेवा की शॉर्ट सर्विस कमीशन परीक्षा पास की. 2019 में वे सेना में शामिल हो गए. कैप्टन बृजेश थापा को 2 साल के लिए 10 राष्ट्रीय राइफल में तैनात किया गया था. इसके बाद उन्हें अतिरिक्त रेजीमेंट ड्यूटी के लिए भारतीय सेना की विशेष विंग 145 आर्मी या डिफेंस के तहत जम्मू और कश्मीर में डोडा सेना छावनी में स्थानांतरित कर दिया गया. बृजेश थापा वहां ए कंपनी कमांडर थे.

आज रात्रि लगभग 8:00 बजे शहीद बृजेश थापा का पार्थिव शरीर एयरफोर्स के विशेष विमान से बागडोगरा लाया जाएगा. इसके बाद बागडोगरा सैनिक शिविर में उन्हें राज्य का दर्जा प्रदान किया जाएगा. वहां से उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से उनके जन्म स्थान लेबोंग ले जाया जाएगा.कल सुबह उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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