जो गोरखा अपने ही समुदाय पर हमला करें, वो गोरखा नहीं इस तरह का गणतंत्र दार्जिलिंग का नहीं’ इन सवालों को लेकर आज दार्जिलिंग के कई राजनीतिक पार्टियों ने सवाल किए हैं और यह सवाल सुदन गुरुंग पर हुए जानलेवा हमले को लेकर थे, यह वहीं सुदन गुरुंग है जिन्होंने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन में हुए शिक्षकों की अवैध नियुक्ति को लेकर आवाज उठाया था और उन्हीं को कुछ हमलावरों ने अपना शिकार बनाया, जानकारी अनुसार
दार्जिलिंग के एक सुपरमार्केट में अनएम्पलॉयर्ड यूथ वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के प्रमुख सुदन गुरुंग पर हुए जानलेवा हमले से पुरे पहाड़वासी स्तब्ध है। सुदन गुरुंग ने ही गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन में शिक्षकों की अवैध नियुक्ति का आरोप लगाया था । सुदन गुरुंग पर हुए हमले के बाद विभिन्न दलों के प्रतिनिधि उनसे मिलने पहुंचे और मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने इस हमले का विरोध किया है और दावा किया है कि, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। इस मुद्दे पर सभी पहाड़ी दल आपत्ति जता रहे हैं। सुदन गुरुंग पर हुआ हमला लोकतंत्र पर हमला है। गणतंत्र में हर कोई अपनी आवाज उठा सकता है | वहीं पहाड़ के लोगों का कहना है कि, इस तरह का हमला पहाड़ का गणतंत्र नहीं है। सुदन गुरुंग पर हुए हमले का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा दार्जिलिंग के अध्यक्ष नीरज राय, भारतीय जनता पार्टी युवा नेता दार्जिलिंग सुपेंद्र प्रधान, भारतीय गोरखा जनशक्ति मोर्चा के नेता रबगे राय, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पार्टी के नेता नोमान राय घायल सुदन गुरुंग से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने सुदन गुरुंग से मुलाकात करते हुए घटना की निंदा की। सुदन गुरुंग से मिलने आए नेताओं ने कहा है कि, सुदन गुरुंग पर हमला उनकी जान पर नहीं बल्कि गणतंत्र पर किया गया हमला है और सच को दबाने की कोशिश है।
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