November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

उत्तर बंगाल में गोरखालैंड या फिर अलग राज्य चाहिए?

गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के नेता विमल गुरुंग इन दिनों सुर्खियों में है. गोरखालैंड की मांग करने वाले विमल गुरुंग अब अलग राज्य की मांग में जुट गए हैं. जगह-जगह बैठकें हो रही हैं. सब जगह विमल गुरुंग लोगों से अपील कर रहे हैं कि अलग राज्य से ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान होगा. दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और नेता अलग गोरखालैंड को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

विमल गुरुंग दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर चुके हैं. उनकी पार्टी का एक ही मकसद है विकास और गोरखालैंड, जिसको लेकर उन्होंने पिछले दिनों नई दिल्ली में काफी प्रदर्शन किया था. अब आगामी 7 फरवरी को उनकी पार्टी के लोग गोरखालैंड की मांग में मिरिक के खेल मैदान में एक बड़ा सम्मेलन करने जा रहे हैं. दूसरी तरफ विमल गुरुंग गोरखालैंड नहीं बल्कि अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. यह कुछ विरोधाभास है, जिसको लेकर कई तरह की शंकाएं भी उठ रही है. आखिर विमल गुरुंग का सुर क्यों बदल रहा है?

विमल गुरुंग को क्या चाहिए गोरखा लैंड या अलग राज्य? पिछले दिनों मालदा जिले में यूनाइटेड फ्रंट फॉर सेपरेट स्टेट के नेताओं की एक बैठक हुई थी. यह बैठक फुटबॉल ग्राउंड में हुई थी. इस बैठक में विमल गुरुंग का भाषण काफी चर्चा में है. विमल गुरुंग ने एक भावनात्मक अपील लोगों से की थी. उन्होंने कहा था कि उत्तर बंगाल को कुछ नहीं मिला है. यहां भुखमरी, गरीबी, अन्याय, अत्याचार के सिवाय कुछ नहीं है. हम रहे या ना रहे, लेकिन हमारे बच्चे सुरक्षित रहें. और इसके लिए अलग राज्य चाहिए, जहां बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके.

विमल गुरुंग कह रहे हैं कि हमने बहुत अत्याचार सहा है. इसलिए कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि हमने अलग राज्य की मांग में केंद्र सरकार और राज्य सरकार को बातचीत के लिए चिट्ठी लिखी है. लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अब तक धर्म, भाषा, बोली के नाम पर हम सभी को अलग-अलग किया जाता रहा.लेकिन अब चाहे वह ग्रेटर कूचबिहार हो या राजवंशी हो, मुसलमान हो या बंगाली, बिहारी, मारवाड़ी, सब इस बात को समझने लगे हैं कि उनका विकास केवल अलग राज्य से ही संभव होगा.

विमल गुरुंग ने कहा कि हम खाली हाथ आए थे. खाली हाथ ही जाएंगे. लेकिन अगर बच्चों को उनका हक नहीं दिलाया तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में कई तरह की समस्याएं हैं, जिनका समाधान नहीं हो रहा है.इसलिए हम सभी एकजुट हुए हैं.अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो आगामी लोकसभा चुनाव में हम सभी आठ पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे.

विमल गुरुंग ने अलग राज्य की मांग के समर्थन में अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी भी दी है. विमल गुरुंग हाल ही में कोलकाता गए थे. वहां उन्होंने एक मंदिर में पहाड़ के लोगों की सुख शांति के लिए प्रार्थना भी की थी. विमल गुरुंग एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने एक समय पहाड़ में गोरखालैंड की मांग में वृहद आंदोलन किया था. जानकार मानते हैं कि जीटीए का मीनमेख निकालने वाले विमल गुरुंग आने वाले समय में कोई नया स्टैंड ले सकते हैं. लेकिन यह किसी को पता नहीं है. फिलहाल 8 संगठनों अथवा दलों का यूनाइटेड फ्रंट फोर सेपरेट स्टेट चर्चा में है.

तृणमूल मालदा जिला के उपाध्यक्ष दुलाल सरकार ने विमल गुरुंग के बयान का कोई महत्व नहीं दिया है. उन्होंने कहा है कि विमल गुरुंग बे सिर पैर की बातें करते हैं. कोई भी उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेता. दूसरी तरफ भाजपा दक्षिण मालदा के संगठनातक जिला महासचिव अम्लान भादुड़ी ने विमल गुरुंग के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उत्तर बंगाल हमेशा से उपेक्षित और वंचित रहा है. ऐसे में उत्तर बंगाल के लोग अपने अधिकार और न्याय के लिए तो संघर्ष करेंगे ही.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *