मालीगांव: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर में नोनी ब्रिज के नाम से मशहूर प्रतिष्ठित ब्रिज संख्या 164 पर गर्डर लॉन्चिंग के सफल निष्पादन के साथ एक उल्लेखनीय इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल की है। 141 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्तंभ ब्रिज,नोनी ब्रिज एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है,जो 111 किलो मीटर लंबी जिरि बाम-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना का एक अभिन्न हिस्सा है।
हाल ही में पुल के अंतिम स्पैन को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जिससे इस स्मारकीय बुनियादी ढांचे वाली परियोजना के सभी आठ हिस्सों का निर्माण पूरा हो गया। यह उपलब्धि पुल के निर्माण में एक महत्वपूर्ण माइल स्टोन है, जो न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि क्षेत्र के परिवहन नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी भी है। इस पुल को वैश्विक स्तर पर अलग बनाने वाली बात है इसके रिकॉर्ड तोड़ स्तंभ- पी3 और पी4, जिनमें सेप्रत्येक की ऊंचाई आश्चर्यजनक141 मीटर है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे पुल स्तंभ की संज्ञा देते हैं। पुल में 1×71.5 मीटर + 5×106 मीटर + 1×71.5 मीटर + 1×30 मीटर के रूप में व्यवस्थित स्टील स्पैन शामिल हैं।यह रणनीतिक डिज़ाइन संरचनात्मक स्थिरता और चुनौतीपूर्ण भू भाग एवं पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता दोनों सुनिश्चित करता है, जो क्षेत्रीय संपर्क और विकास को बढ़ाने में पुल के महत्व को सुदृढ़ करता है।
इस क्षेत्र की जटिल भूगर्भीय और जलवायु चुनौतियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया यह पुल दुर्गम पहाड़ी इलाकों और गहरी घाटियों में फैला हुआ है। इसके सुपर स्ट्रक्चर लॉन्चिंग का सफल समापन भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में अथक परिश्रम करने वाली टीमों के समर्पण, नवाचार और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाता है। लॉन्चिंग कार्य का सफल समापन सावधानी पूर्वक योजना, अत्याधुनिक निर्माण तकनीकों और पू. सी. रेलवे की पूरी टीम के समर्पण के माध्यम से संभव हुआ है।
जिरिबाम-इंफालनई रेलवे लाइन परियोजना,पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं में से एक है। जिरिबाम-खोंगसांग सेक्शन सितंबर 2022 में पहले ही चालू हो चुका है। 55.36 किलोमीटर से अधिक लंबेजिरिबाम-खोंगसांग सेक्शन पर वर्तमान में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए नियमित मालगाड़ियाँ खोंगसांग तक चलती हैं। जैसे-जैसे परियोजना आगे बढ़ेगी, आने वाले वर्षों में खोंगसांग-नोनी (18.25 किलोमीटर) और नोनी-इंफाल (37.02 किलोमीटर) सेक्शन को चालू किया जाएगा। परियोजनापूर्ण होने पर, जिरिबाम-इंफाल रेलवे लाइन मणिपुर की कनेक्टिविटी का कायाकल्प कर देगी, जिससे आर्थिक वृद्धि और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।