सिलीगुड़ी बाजार में सबसे ज्यादा खरीददारी मिठाई की दुकानों पर देखी जा रही है. मिठाई की दुकानों पर तरह-तरह की मिठाइयां नजर आ रही हैं. ऐसी मिठाइयां जो आपने पहले कभी नहीं देखी होंगी. बाजार में उपलब्ध है. दुकानदारों को बात तक करने की फुर्सत नहीं है. हालांकि मिठाइयों की कीमत आसमान छू रही है. मिठाइयां ₹500 प्रति किलो से लेकर ₹1500 प्रति किलो तक बेची जा रही है. इसके बावजूद खरीददार मिठाइयां खरीद रहे हैं. मिठाइयों मे बर्फी, काजू, कतली, सोन पापड़ी, रसगुल्ला, लड्डू और फैंसी मिठाइयां सर्वाधिक बिक रही हैं.
धनतेरस से ही सिलीगुड़ी के बाजार में खरीदारी बढ़ गई है. सोने चांदी, आभूषण, बर्तन, कपड़े आदि की बिक्री बढ़ी . आज बाजार में दीवाली और काली पूजा की खरीददारी चल रही है. चंपासारी से लेकर रेल गेट, महावीर स्थान, सिलीगुड़ी जंक्शन, वर्धमान रोड और सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में स्थित बाजारों में महिला खरीददारों की काफी भीड़ देखी गई. दीपावली और काली पूजा को लेकर लोग मूर्तियों से लेकर पूजा के सामान तक की खरीदारी कर रहे हैं.
बाजार में प्रत्येक वस्तु का दाम बढ़ा हुआ है. लेकिन सबसे ज्यादा लक्ष्मी पूजा और काली पूजा के लिए उपयोगी वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी देखी जा रही है. गेंदा का फूल, कमल का फूल और दूसरे तरह क फूलों की कीमत पिछले साल के मुकाबले अत्यधिक लगभग दूनी देखी जा रही है. गेंदा का फूल पिछले साल दिवाली के समय 15 से 20 रुपए प्रति माला बिका था. जबकि इस बार इसकी कीमत ₹30 से लेकर ₹40 प्रति माला तक बढ गई है. इसी तरह से पूजन सामग्री की कीमत भी बढ़ी है.
बाजार में कमल का फूल तो नदारद ही है. रेल गेट के पास दीपावली के सारे सामान मिल जाते हैं. यह भी कहा जाता है कि यहां एक से अधिक दुकानदार और एक ही वस्तु के कई दुकानदार होने के चलते अन्य स्थानों से यहां चीज सस्ती मिलती है. परंतु यहां भी महंगाई का पूरा असर देखा जा रहा है. पूजा के लिए फल मूल और सजावट की सामग्री भी काफी महंगी है.
कई लोग देवी देवताओं अथवा अन्य प्राकृतिक दृश्य का कैलेंडर खरीद कर ले जाते हैं. रेल गेट में यह सभी सामान थोक दर में मिल जाता है. इस बार उसकी कीमत बढ़कर दुगनी हो गई है एक कैलेंडर ₹20 में मिल रहा है घर-घर में लक्ष्मी पूजा के लिए डेढ़ से 2 इंच ऊंची मूर्ति की न्यूनतम कीमत 150 रुपए से ₹1500 तक है. हालांकि मिट्टी के दीए की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया. पिछले साल मिट्टी के दीए 10 से 12 रुपए प्रति दर्जन मिलते थे. इस बार भी भाव ऐसा ही है.
बाजार में महिलाओं की सबसे ज्यादा भीड़ है. महावीर स्थान के पास कपड़ों की कई दुकानें हैं. यहां हर दुकान में महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है. यहां के कई दुकानदारों ने बताया कि दुकान में महिला खरीददार कपड़ों के मोल तोल ज्यादा करती हैं. मोल तोल करने में ही काफी समय निकल जाता है. यही कारण है कि उन्होंने कपड़ों का फिक्स्ड प्राइस कर रखा है. यहां ज्यादातर साड़ियों की बिक्री देखी जा रही है.
महावीर स्थान में सड़क के दोनों ओर फुटकर दुकानदारों ने अपनी दुकान लगा रखी है. बीच में वाहनों के आने-जाने की छोटी सी जगह है. शाम होते ही बाजार में भीड़ बढ़ जाती है. ऐसे में टोटो आदि वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है. रेल गेट से लेकर कालीबाड़ी तक बाजार में काफी भीड़ देखी गई. यहां फल मूल की भी काफी दुकानें हैं. इसके अलावा यहां दीयों की भरमार है. बाजार में पटाखे भी नजर आ रहे हैं. हालांकि पटाखों को बेचते हुए दुकानदार काफी सतर्क हैं. कहने को तो ग्रीन पटाखे बेचे जा रहे हैं. परंतु यह पूरी तरह सत्य नहीं है.
जो भी हो, काफी समय के बाद सिलीगुड़ी के बाजारों में रौनक लौटी है.दुकानदार भी खुश नजर आ रहे हैं. खरीददार भी दीपावली के उपलक्ष में महंगाई की परवाह नहीं करते हुए जरूरी सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. यही बाजार के लिए एक सकारात्मक बिंदु है. यहां के कुछ दुकानदारों ने बताया कि पहाड़ से भी काफी संख्या में ग्राहक सिलीगुड़ी आ रहे हैं. जिसके कारण सिलीगुड़ी के बाजार में खरीददारी बढ़ी है. यहां विधान मार्केट का आलम ऐसा है कि मेंसुबह से ही ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है शाम के समय तो यहां रोड से निकलना ही मुश्किल हो जाता है.
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